जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2020 पर मंडराया कोरोना का खौफ , संक्रमण की आशंका के चलते भक्त पसोपेश में , रथ यात्रा का घट सकता है उत्साह , बाजार भी सुस्त रहने के आसार 

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भुवनेश्वर वेब डेस्क / हर साल पूरी में भगवान जगन्नाथ के भक्तों का जमावड़ा लगता है | हर कोई मन में संकल्प लिए पहुँचता है कि उसे रथ की रस्सी खींचने का मौका मिलेगा | यही नहीं मंदिर से बाहर निकलकर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए जब भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और सुभद्रा पहुंचे तो वे भी उनकी एक झलक पा सके | लेकिन इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने के लिए उनके भक्त पहले जैसी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है | लिहाजा भगवान जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को लेकर  आशंका के बादल मड़राने लगे हैं। भक्तों ही नहीं बल्कि जगन्नाथ पूरी धाम को लग रहा है कोरोना का प्रकोप यदि इसी तरह से चलता रहा तो सदियों पुरानी रथ यात्रा परंपरा की रौनक फीकी पड़ सकती है। यही नहीं बाहर से आने वाले भक्तों की कमी से स्थानीय बाजार और होटल व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है | 

इस मामले को लेकर उड़ीसा सरकार भी चिंता में है | केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का स्वरूप और पैमाने तय करने से पहले पुरी के शंकराचार्य, गजपति महाराज और अन्य के साथ परामर्श जरूर किया जाए। मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में, सारंगी ने प्रकोप से निपटने में ओडिशा सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें कहा गया कि राज्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करने का अभी से प्रयास किया जा रहा है।

एमएसएमई और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री सारंगी ने पत्र में कहा कि 23 जून 2020 से शुरू होने वाली रथ यात्रा भी इस प्रकोप से जन-उत्साह के स्तर और भागीदारी के पैमाने पर प्रभावित होने वाली है। ओडिशा के वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि मेरा मानना है कि प्रतिबंधों के बीच सभी के मन और भावना की एकता को दर्शाते हुए त्यौहार को सदियों पुरानी दिव्य परंपराओं के अनुसार आयोजित किया जाना चाहिए।