मध्यप्रदेश में कोरोना के राहत और बचाव कार्यों में धांधली, आटे के 10 किलो के पैकेट में निकल रहा मात्र 3 किलो आटा, हंगामा, कांटामारी की रकम किसके जेब में ?

0
16

रिपोर्टर – मनोज सागर 

भोपाल वेब डेस्क / मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसी गति से राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य भी शुरू किया है | लेकिन कई जिलों में सरकार द्वारा वितरित की जा रही खाद्य सामग्री में गड़बड़ी का मामला भी सामने आ रहा है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए राज्य सरकार ने दस किलो आटा देने की शुरुआत की है। इस योजना के लिए नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग 10 किलो के पैकेट तैयार कर रहा है। लेकिन कई जिलों में 10 के बजाय 7 किलों आटा ही निकल रहा है | बाकि 3 किलों आटा कौन खा रहा है, इसकी खोजबीन को लेकर सरकार से जाँच की मांग भी उठ रही है | 

ग्वालियर संभाग में सरकारी खाद्य सामग्री के इन पैकेटों में तीन किली तक आटा कम निकलने की लिखित शिकायते मिल रही है। पैकेट में कम आटा होने की पहली शिकायत नई सड़क पर स्थित एक राशन की दुकान से मिली। जब एक व्यक्ति ने वजन कराया तो वह 8.85 किलो निकला । इसके बाद दुकान पर खड़े अन्य लोगों ने भी आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। वहीं, लश्कर क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक से की। लोगों की शिकायत के बाद विधायक दौलतगंज स्थित एक सेंटर पर पहुंचे। उन्होंने जब एक आटे के पैकेट का वजन कराया तो उसमें साढ़े सात किलो आटा निकला। असलियत देखकर विधायक महोदय की भी आंखे फटी की फटी रह गई |  

विधायक प्रवीण पाठक ने गड़बड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने का आग्रह किया है। वहीं, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। आटे के कट्टों में गड़बड़ी सामने आने के बाद विभाग के अधिकारियों ने एक किलो आटा कम होने की बात स्वीकार की है। जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह ने कहा कि 100 किलो गेहूं देने के बदले फ्लोर मिल संचालकों ने 90 किलो आटा दिया है।

ये भी पढ़े :COVID-19: कोरोना विजेता जिला बना छत्तीसगढ़ का राजनांदगांव जिला, टॉप 25 में दुर्ग और बिलासपुर भी शामिल

मामले के खुलासे के बाद कई और जिलों में भी सरकारी खाद्य सामग्री की नापतौल शुरू हुई | तब पता पड़ा कि वहां भी इसी तरह से कांटा मारा जा रहा है | लोगों ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाते हुए मांग की है कि गरीबों का राशन हजम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये |