जरुरतमंदों को समाज सेवा के नाम पर राशन सामग्री, भोजन वितरण के दौरान फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी पर लगी रोक, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना पड़ेगा महंगा, आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई

0
10

दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना के बढ़ते संक्रमण से लॉक डाउन के दौरान कई सामाजिक सस्थांए और लोग जरुरतमंदों को खाना, भोजन पैकेट, बिस्किट और राशन बाँट कर नेक कार्य कर रहे है | लेकिन इसमें बड़ी तादात ऐसे लोगों की है, जो इसका प्रचार – प्रसार भी खूब कर रहे है | इनका मक़सद लोगो की सहायता नहीं बल्कि समाज सेवा के नाम पर वाह वाही लूटना है | ऐसे लोगों पर अब पाबन्दी लगा दी गई है | दरअसल कई सामाजिक संस्थाए और लोग एक हाथ से जरुरतमंदो की सहायता तो कर रहे है, लेकिन फोटोग्राफी – वीडियो कर फ़ौरन उसे मीडिया और अन्य प्रचार – प्रसार के साधनों पर अपलोड कर रहे है | ऐसे में कई जरूरतमंदों ने सहायता लेना भी बंद कर दिया है | सरकार इसके प्रसार को रोकने के लिए यथासंभव कदम उठा रही हैं इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने अच्छी पहल की है। यह पहल देश के कई राज्यों को भी अपनाना चाहिए | 

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में राशन सामग्री एवं भोजन वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी निषिद्ध कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवा भाव के साथ किया जाए। इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए। गहलोत ने कहा कि जो व्यक्ति सक्षम हैं, वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें। सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं।

दरअसल राजस्थान में अखबार हो या सोशल मीडिया, हर जगह उन लोगों और संस्थाओं की तस्वीरें – वीडियो छाये हुए है | जो मुसीबत की इस घडी में जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता के लिए आगे आये है | रोजाना अपने प्रचार – प्रसार से ये लोग उनका मज़ाक बना रहे है | कई तो सिर्फ फोटो खिचवाने के लिए ही समाज सेवा में जुड़े है |

उधर राजस्थान के अलावा झारखंड ने भी ऐसी पहल की है | राज्य के तमाम जिलों में समाज सेवा के नाम पर प्रचार – प्रसार पर पाबंदी लगाने के साथ सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माना और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए है | इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडनात्मक कार्रवाई होगी |

राज्य सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने और आमजन के स्वास्थ्य तथा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक लोक हित में महामारी रोग अधिनियम 1957 की धारा (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए थूकने या पान तथा अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू तथा गैर तम्बाकू उत्पादों के खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके मुताबिक सभी सरकारी / गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है | इसकी अवेहलना करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन सघन अभियान चलाएगा। प्रशासन के मुताबिक गुटका और पान मसाला, खैनी खाकर यहां वहां थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है जिसे रोकने के मद्देनजर ये कदम उठाना पड़ा है।

ये भी पढ़े : प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेसिंग: मुख्यमंत्री बघेल ने कहा-राज्यों के अंदर आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए