कोरोना वायरस से बचने के लिए अब नोटों को साबुन से धोने लगे ग्रामीण, संक्रमण के खौफ से नोटों का बुरा हाल, जल्द ही इस पर रोक नहीं लगी तो नोटों की ज़िन्दगी खतरे में, आरबीआई चिंता में 

0
7

मांड्या वेब डेस्क / कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों में खौफ का माहौल है | लोगों को अब नोटों से भी संक्रमण फैलने का खतरा नज़र आने लगा है | देश के कई हिस्सों में नोटों को साबुन से धोने की कवायत शुरू हो गई है | खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में | बाजार में लेन – देन कर घर पहुंचने बाद ग्रामीण खुद तो हाथ पैर धो रहे है, लेकिन अपने साथ नोटों को भी साबुन से नहला रहे है | रोजाना कई नोटों की धुलाई  हो रही है | नतीजतन उनकी हालत पतली होती जा रही है | बैंकों में लेन – देन के दौरान नहाये धोये नोटों को देख कर कैशियर भी हैरत में है | उधर आरबीआई के कुछ अफसरों की नज़र साबुन से धोये गए ऐसे नोटों पर पड़ी, तो वे भी सकते में आ गए | उन्होंने लोगों को ऐसा ना करने की हिदायते दी है | 

उधर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तरह-तरह के वीडियो ने ऐसे मामलों को बढ़ावा देने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है | वो जैसे आग में घी डालने का काम कर रहे है | इससे आरबीआई की परेशानी और बढ़ रही है | लोगों के बीच भ्रम की स्थिति भी पैदा होने से नोटों का बुरा हाल है | 

कर्नाटक के मांड्या जिले से करीब 18 किलोमीटर दूर मैसूरमैराना चोक्कनाहल्ली गांव में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां पर लोग नोटों को साबुन से धोकर सुखाकर इस्तेमाल कर रहे हैं | दरअसल एक शिकायत के बाद सरकारी अफसर इस गांव में पहुंचे थे | यहाँ उन्होंने देखा कि ग्रामीण अपने करेंसी नोटों को साबुन के पानी से धो रहे हो  | गांव वाले अपने 2,000, 500 और 100 रुपये के करेंसी नोटों को साबुन से धोते नजर आए और फिर नोटों को सुखाने के लिए धूप में छोड़ दिया गया |कर्नाटक के मांड्या जिले के कई गांव में ऐसा नज़ारा देखने को मिला |

अफसरों के मुताबिक छोटे-छोटे गांवो में सैनिटाइजर मिलना मुश्किल है | शहर के मुकाबले यहां कि स्थिति काफी अलग है | इसलिए अपनी जानकारी के मुताबिक ये लोग इस वायरस को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं | जिला प्रशासन भी लोगों से नकदी के लेन-देन के बाद साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने का आग्रह कर रहा है | लेकिन नोटों को नहीं |   

ये भी पढ़े : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते मामलो के चलते रायपुर एम्स ने मंगाए 52 और वेंटिलेटर, डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर ने दी जानकारी

हालिया कुछ शोधों में यह आशंका जताई गई है कि कोरोना वायरस का संक्रमण सूखी सतह से भी मनुष्यों में फैल सकता है | लेकिन इस बात का कोई भी वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि ये वायरस नोट या सिक्कों पर कितनी देर तक जिंदा रहता है | लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नकदी लेन-देन सुरक्षित है | बस सावधानी के तौर पर दूसरों से नोट लेने या देने के बाद हाथों को अच्छी तरह धो लें और इस दौरान चेहरे को न छुएं | फ़िलहाल देश के कई हिस्सों में नोटों की धुलाई का काम जोरों पर है | जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई तो नोटों की ज़िन्दगी ख़राब होने के आसार है |