लॉक डाउन के बीच छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए की सुनवाई, जमातियों को ढूंढ कर जांच कराने का आदेश, 13 अप्रैल तक मांगी रिपोर्ट

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बिलासपुर / लॉक डाउन के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक अहम मामले में सुनवाई हुई। मामले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की गई। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तब्लीगी जमातियों को ढूंढ कर जांच कराने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में बताया कि राज्य में 152 तब्लीगी जमात के लोग आए हैं, जिनमें से 52 लोगों का पता नहीं लगाया जा सका है। मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि 13 अप्रैल को होने वाली सुनवाइ में स्टेटस रिपोर्ट पेश करें। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई | जिन मामलों में सुनवाई वे सभी जनहित से संबंधित थे | 

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लॉक डाउन के दौरान लोागों पर पुलिस बल का प्रयोग किए जाने के मामले पर भी कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले में शिवनाथ केहरवानी ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता केहरवानी ने अपनी याचिका में कहा था है कि तारबहार थाना इंचार्ज रहे सुरेन्द्र स्वर्णकार ने लॉक डाउन के दौरान पेट्रोल पंप कर्मचारी से मारपीट की थी। मामले में सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि स्वर्णकार को लाइन अटैच कर दिया गया है। उनके खिलाफ जल्द डिपार्टमेंटल इंक्वायरी भी शुरू होगी। मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।