कोरोना महामारी के चलते मध्यप्रदेश में एस्मा , सरकार का बड़ा फैसला , अब आवयश्क सेवाओं से जुड़े सभी विभाग और कर्मचारी 24 घंटे ऑन ड्यूटी , नहीं कर सकते काम से इंकार , लोगों को मिलेगी राहत

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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के चलते लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर दिया है। इस महामारी के चलते सरकारी व्यवस्था बिगड़ न जाए इसे लेकर एस्मा लागू किया गया है। इसके तहत अब अति आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी अवकाश या हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। इस कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस कानून के लागू होने के बाद सरकार को हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए कई प्रकार के अधिकार प्राप्त हो गए हैं। 

मूलभूत सुविधाओं एवं सेवाओं से जुड़े सभी विभाग एस्मा के दायरे में आ गए है | इसमें बिजली, पानी , सड़क , यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं का महकमा प्रमुख रूप से शामिल है | नागरिक सेवाओं से जुड़े सभी अफसर और और कर्मचारी आगामी आदेश तक 24×7 ऑन ड्यूटी रहेंगे |   

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एस्मा एक कानून है , जो संसद द्वारा पारित अधिनियम है। इसे 1968 में लागू किया गया था। हड़ताल को रोकने के लिए यह कानून लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। इसके लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बगैर वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।