रायुपर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के दौरान लागू लाॅकडाउन और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के विभिन्न औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की । मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों के साथ चर्चा में कहा कि इस संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह उनके साथ है, प्रदेश में उद्योग और व्यापार ठीक ढंग से काम कर सकें इसके लिए हर संभव मदद की जाएगी । मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उद्योगपतियों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार कर समुचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योग और व्यापार के हित में जिन विषयों पर केन्द्र सरकार से बात करने की जरूरत है, उस पर राज्य सरकार उचित पहल करेगी। व्यापारिक प्रतिनिधियोें ने श्रमिकों की समस्या, बिजली की दर, ट्रांसपोर्टिंग प्रारंभ करने जैसे विषयों के संबंध में कुछ सुझाव दिए। इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, आयुक्त जनसंपर्क तारण प्रकाश सिन्हा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने होलसेल मार्केट से विभिन्न जिलों के गांवों की किराना दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में आ रही कठिनाई के संबंध में कहा कि राज्य सरकार ने इन वस्तुओं की ट्रांसपोर्टिंग के लिए ई-पास की अनुमति दी है। व्यापारी ई-पास प्राप्त कर जिलों में सामग्री आसानी से भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि ई-पास में ड्राईवर की फोटो, गाड़ी नम्बर दर्ज रहेगा, इससे उन्हें ट्रांसपोर्टिंग में कठिनाई नही होगी। व्यापारी प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि आटा चक्की नही खुलने से आटे की सप्लाई में कठिनाई आ रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि आटा चक्कियों पर कोई प्रतिबंध नही है। चक्कियों में गेहूं की पिसाई की जा सकती है। औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और लाॅकडाउन के दौरान आम जनता को राहत पहुंचाने के किए गए उपायों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि सभी के सहयोग से ऐसा संभव हो पाया है। उद्योगों द्वारा बड़ी संख्या में श्रमिकों के रहने और खाने के अच्छे प्रबंध किए गए हैं। जरूरतमंदों को भोजन और राशन सहित आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने में उद्योग और व्यापार जगत का सहयोग सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी कहा कि जो उद्योग चालू हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण से सुरक्षा के उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए।
उन्होंने बस्तर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मजदूरों के काम पर
नही आने की समस्या के समाधान के लिए उद्योग विभाग के महाप्रबंधक और जिला प्रशासन
के सहयोग से इस संबंध में पहल करने का सुझाव दिया। बस्तर क्षेत्र में महुआ और अन्य
लघु वनोपजों की बिक्री स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सरकारी एजेंसियों में करने
का सुझाव दिया। उन्होंने गांवों से शहरों में सब्जियों की आपूर्ति किसानों के समूह
बनाकर करने का सुझाव दिया। बघेल ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे ट्रकों
के चालकों के लिए पेट्रोल पंपों में खाने के पैकेट उपलब्ध कराने के व्यापारिक
प्रतिनिधियों के सुझाव पर सहमति प्रदान की और व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने
औद्योगिक क्षेत्रों के ऐसे उद्योगों में जहां काम चल रहा है, वहां मेडिकल टीम के माध्यम से श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, अनाज, सब्जियों और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए जिन
बाजारों में सामान आ रहा है, वहां नियमित रूप से सेनेटाईजेशन की व्यवस्था
कराने का आश्वासन दिया।
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औद्योगिक और व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधियों ने लाॅकडाउन के दौरान उद्योग और व्यापार को राहत देने के लिए अनेक सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने इन सुझावों पर विचार कर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने सीसीआई के चेयरमेन अमित अग्रवाल, फिक्की के चेयरमेन प्रदीप टंडन, पीएचडी चेम्बर ऑफ इंड्रस्टी के चेयरमेेन शशांक रस्तोगी, छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मेनुफेक्चर्स एसोसिएशन के चेयरमेन विजय झंवर, उरला इंड्रस्टी एसोसिएशन के चेयरमेन अश्वनी गर्ग, काॅफिडरेशन ऑफ आल इंडिया टेडर्स के चेयरमेन अमर परवानी , छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एडं इंड्रस्टी के प्रेसिडेन्ट जितेन्द्र बारलोटा, बस्तर उद्योग संघ के अध्यक्ष विक्रम शर्मा, सरगुजा लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अरविन्द सिंघानिया और छत्तीसगढ़ लघु और सहायक उद्योग संघ के प्रेसिडेन्ट हरीश केडिया से बातचीत की।