महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने पद पर बने रहने के लिए सिर्फ 54 दिन , फंसे नए सियासी पेंच में , विधायक या एमएलसी बनना जरूरी , लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी होने लगी डांवाडोल ?    

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मुंबई वेब डेस्क / लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी अपनी चपेट में ले लिया है | इसके चलते संविधान के जानकारों और कानून के जानकारों की राय ली जा रही है | दरअसल मामला मुख्यमंत्री की कुर्सी का है | उद्धव ठाकरे इस कुर्सी पर बैठे रहेंगे या नहीं , इस पर मंथन जारी है | मामला क़ानूनी पेंच का है | दरअसल देशभर में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लोग अपने घरों तक सीमित है। जरूरी सामानों को छोड़ दिया जाए तो सारे कारोबार ठप्प हैं। सियासी कार्यों पर भी इसका असर पड़ रहा है। ऐसा ही मामला है महाराष्ट्र का है , जहां लॉकडाउन के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने एक अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है। 

दरअसल, पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य। ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत उन्हें पद पर बने रहने के लिए 28 मई तक अर्थात 6 महीने के भीतर विधायक या एमएलसी बनना जरूरी है। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और इस हिसाब से 28 मई तक उनका विधायक बनना जरूरी है। लेकिन मुश्किल यह है कि कोरोना वायरस के चलते सभी सियासी गतिविधियां थमी हुई हैं। अचानक विधानसभा उपचुनाव या फिर एमएलसी का चुनाव संभव नजर नहीं आ रहा है | हालांकि, जानकारों की दलील है कि उनके सामने एक रास्ता ये भी है कि वह बिना विधायक या एमएलसी बने सीएम पद पर बने रह सकते हैं। इससे पहले सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चौहान भी इसी तरह मुख्यमंत्री बने थे। यानी ये दोनों न तो विधायक थे और न ही एमएलसी। लेकिन मामला अदालत पहुंचा तो उद्धव के लिए यह कृत्य जोखिम भरा हो सकता है |  

इस मामले पर राज्य के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे का कहना है कि अगर मई तक उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं होती है तो उद्धव ठाकरे समेत पूरी कैबिनेट इस्तीफा देकर दोबारा शपथ ले सकती है। लेकिन यह भी आत्मघाती कदम हो सकता है | जानकर बताते है कि संविधान लगातार दो बार बगैर सदन का सदस्य बने इस तरह की ताजपोशी की इजाजत नहीं देता | देखना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने पद पर बने रहने के लिए कौन सा तरीका अपनाते हैं। माना जा रहा है कि 28 मई के पहले यह तस्वीर साफ नहीं हुई तो महाराष्ट्र बड़े सियासी संकट में फंस जायेगा |