नागपुर वेब डेस्क / देश में कोरोना का खौफ सिर चढ़कर बोल रहा है | सड़के वीरान है, और बैंक व एटीएम के इर्द गिर्द पहले जैसी चहल पहल नहीं है | इसका फ़ायदा उठाने के लिए अपराधियों के अलावा कई ऐसे लोग भी जुट गए है, जिनके दिमाग़ में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का इरादा घर कर गया है | ताजा मामला नागपुर का है | यहाँ एक शख्स के पास जब गुजारे के पैसे खत्म हो गए, तो उसने बैंक में लूट की घटना को अंजाम दिया।
नागपुर के पांचपावली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत वैशाली नगर में भारतीय स्टेट बैंक में लूट का खुलासा हुआ तो लोग हैरत में पड़ गए | दरअसल लूट का आरोपी कोई पेशेवर शख्स नहीं बल्कि करण मदनकर नामक एक पॉलिटेक्निक कॉलेज का छात्र है |आरोपी का खाता इसी ब्रांच में है |बताया जाता है कि आरोपी कैमरा रेंट पर देने का काम करता है, लेकिन पिछले दो महीने से कामकाज बंद होने के कारण पूरा परिवार परेशान था। जब दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसने बैंक में लूट का प्लान बना लिया |
एक दिन आरोपी आम ग्राहकों की तरह बैंक की लाइन में खड़ा हो गया। जैसे ही उसका नंबर आया, वो सीधे बैंक के अंदर जा घुसा और सामने खड़े सफाईकर्मी की गर्दन पर चाकू अड़ा दिया। इसके बाद आरोपी ने सारे रुपए देने को कहा, डरे हुए बैंककर्मी ने उसे पैसे दे दिए, तभी आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ, इतने में बैंककर्मी के चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां खड़े कुछ लोग भी उसके पीछे भागे। आरोपी ने भागते हुए कुछ नोट जमीन पर फैंक दिए, जिसके बाद रास्ते में कुछ लोग नोट बटोरने लगे, हालांकि आरोपी की यह चाल कामयाब नहीं हो सकी। दौड़ लगाकर लोगों ने उसे पकड़ा और पीटना शुरु कर दिया।
आरोपी ने फिल्मी स्टाइल में वारदात को अंजाम दिया था। हालाँकि लोगों ने पुलिस को बुलाया और आरोपी को उसके हवाले कर दिया | पूछताछ के दौरान उसने लूट की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने लुटे गए 90,000 रुपए बरामद कर लिए।
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पुलिस गिरफ्त में आरोपी ने बताया कि उसे दस हजार रुपए की किस्त भरनी थी। इसे लेकर वो परेशान चल रहा था। घर की हालत पहले से ठीक नहीं थी। उसके पिता नहीं हैं। उसके मुताबिक वो अपने चाचा-चाची के यहाँ बड़े भाई-बहन के साथ रहता है। आमदनी का कोई साधन नहीं होने से उसने इस वारदात को अंजाम दिया |