कोरोना के संक्रमण के फैलाव के बावजूद विदेश से लौटे नागरिकों को लेकर भारी लापरवाही बरत रहे है कई राज्य , कैबिनेट सचिव ने जताई चिंता, बोले- विदेश से लौटे 15 लाख यात्रियों की निगरानी में राज्य बरत रहे कोताही , संदेही यात्रियों का कोरन्टाइन और आइसोलेशन दोनों सवालों के घेरे में 

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दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना के संक्रमण से हर कोई चिंतित है। अभी तक के मामलों पर गौर करें तो डॉक्टरों का कहना है कि COVID-19 पॉजिटि उन्हीं में पाया गया है, जो हाल में विदेश से लोटे हैं। इस वायरस के फैलने के बाद 15 लाख से अधिक यात्री भारत वापस आए हैं, जिन्हें निगरानी में रखने की बात लगातार कही जा रही है। इस बीच हकीकत यह है कि कई यात्री लापता है | तो कई अपनी ऊंची पहुँच के चलते सरकारी बंदोबस्त वाले कोरन्टाइन और आइसोलेशन सेंटर में भर्ती होने से बच गए | ऐसे यात्रियों का दावा है कि वे होम आइसोलेशन में है | हकीकत यह है कि अपने घरों में कैद होने का दावा करने वाले कई यात्री सार्वजानिक स्थानों पर पाए गए | यही नहीं उनका होम आइसोलेशन और कोरन्टाइन मेडिकल दिशा निर्देशों के विपरीत पाया गया | नतीजतन राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है | कई राज्यों ने विदेश भ्रमण की जानकारी छिपाने वाले यात्रियों के खिलाफ FIR भी दर्ज की | लेकिन महज खानापूर्ति तक | इस मामले में राज्य सरकारों के रुख से स्वास्थय मंत्रालय की चिंता बढ़ गई है | उसे अंदेशा है कि राज्यों की निष्क्रियता सरकार के अरमानों पर पानी ना फेर दे |   

कैबिनेट सचिव ने चिंता जताते हुए कहा है कि राज्यों के द्वारा विदेश से लौटे 15 लाख यात्रियों निगरानी में कमी प्रतीत हो रही है। कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा है कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा है कि 8 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से 15 लाख यात्री भारत आए, उन सभी की निगरानी करने की जरूरत है।


कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में लागू लॉकडाउन में प्रवासी कामगारों, मजदूरों का पलायन जारी है। कोई पैदल जा रहा है तो कुछ किसी तरह जुगाड़ से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर बड़े पैमाने पर प्रवासियों, खेतिहर और औद्योगिक मजदूरों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पलायन रोकने को कहा है।

केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दें जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके। साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान  में लॉकडाउन के दौरान होटल, हॉस्टल, किराये के आवास चलते रहें और उन्हें जरूरी सामान की आपूर्ति होती रहे। फ़िलहाल उम्मीद की जा रही है कि विदेश आवाजाही करने वाले नागरिकों से फैलने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य गंभीरता बरतेंगे |