छत्तीसगढ़ में शहादत की घटनाओं के बाद ही हरकत में आता है पुलिस मुख्यालय , सुकमा में नक्सली मोर्चे पर डटे जवानों को सालभर बाद मिला आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन , मुख्यमंत्री बघेल के संज्ञान लेने के बाद जारी हुआ ऑर्डर 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर डटे जवानों को कई महीनों तक आउट और टर्न प्रमोशन के लिए इंतजार करना होता है | रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में साइटेशन रिपोर्ट अफसरों की आलमारियों में तब तक कैद रहती है , जब तक कि उस इलाके में कही कोई बड़ी नक्सली वारदात ना हो जाए | वारदात भी ऐसी जिसमे पुलिस कर्मियों को अपनी शहादत देनी पड़े | ताजा मामला सुकमा में तैनात पुलिस कर्मियों को हाल ही में दिए गए आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन से जोड़कर देखा जा सकता है | शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुकमा पहुंचे थे तब यह तथ्य प्रकाश में आया था कि साल भर से आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन की फाइल पुलिस मुख्यालय में अटकी हुई है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे बहुत गंभीरता से लिया था | उनके रायपुर पहुंचने के दूसरे ही दिन सुकमा में तैनात जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का तोहफा मिला | यह आदेश जवानों के मनोबल को बढ़ाने में कारगर साबित हुआ | अगले ही दिन दंतेवाड़ा में तैनात जवानों को भी OT से पुरस्कृत किया गया | 

PHQ का यह बेहतर कदम माना जा रहा है | लेकिन यह कदम इतना ठोस है कि कभी समय पर नहीं उठता | उसे किसी ना किसी बड़ी शहादत का इंतजार होता है | तभी अफसरों के कानों में जूं रेंगती है , और वे आउट ऑफ टर्न से जुडी आलमारियों में कैद फाइल को बाहर निकालने की इजाजत देते है |

राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लेने जुटी न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ की टीम से जब जंगलों में तैनात पुलिस कर्मियों ने अपनी आपबीती सुनाई तब इस हकीकत का खुलासा हुआ | जवानों के मुताबिक अपनी जान जोखिम में डालकर वो धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में साहस का परिचय दे रहे है | लेकिन पुलिस मुख्यालय में उनके प्रकरण कई महीनों तक धूल खाते रहते है | जवानों ने बताया कि शहादत देने वाले पुलिस कर्मियों को भी उनके आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन का इंतजार रहा | लेकिन पुलिस मुख्यालय में तैनात अफसरों की निष्क्रियता के चलते उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई | 

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नक्सल मोर्चे पर डटे जवानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि यदि वो सुकमा का दौरा नहीं करते तो उन्हें आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन के लिए अभी और लंबा इंतजार करना होता | इन जवानों ने डीजीपी डीएम अवस्थी से गुहार लगाई है कि उनकी समस्याओं और वैधानिक अधिकारों को लेकर समय पर पहल सुनिश्चित हो ताकि नक्सलियों का मुकाबला मजबूत मनोबल के साथ किया जा सके |