दिल्ली वेब डेस्क / देश में कोरोना वायरस का मामला बढ़कर 428 तक पहुंच चुका है। कोरोना के चलते जेलों में भीड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश सुनाया है। अब कई कैदी रिहा होंगे। SC ने राज्यों से फैसला लेने कहा कि किन सजायाफ्ता/विचाराधीन कैदियों को कुछ समय के लिए रिहा कर सकते हैं। सुझाव- 7 साल से कम की सज़ा पाए और छोटे अपराधों में विचाराधीन कैदियों को 6 हफ्ते का परोल देना ठीक रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद कैदियों के बेल और पैरोल देने के लिए राज्य सरकार से एक कमेटी बनाने के लिए कहा है | यह कमेटी तय करेगी की किस श्रेणी के अपराधी को बेल दिया जाये | सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से कहा कि ऐसे कैदियों को पेरोल दिया जा सकता है जिन्हें सात साल तक की सजा हुई है या जिन पर इतनी अवधि की सजा के अपराध के लिए अभियोग निर्धारित हुये हैं |
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश के 23 राज्यों में 82 जिले 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है | इसके अलावा 31 मार्च तक देश में सभी यात्री रेलगाड़ियों को भी बंद रखने का फैसला लिया गया है | इस घातक वायरस की चपेट में आकर देश में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमितों की संख्या 428 हो गई है |