मध्यप्रदेश के पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का हाथ नई सरकार के साथ , भाजपा सरकार को देंगे समर्थन , कहा – क्षेत्र का विकास पहली प्राथमिकता , नई सरकार में भी बनेंगे मंत्री ?

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भोपाल वेब डेस्क / मध्यप्रदेश के पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जयसवाल ने अपना नया ठिकाना खोज लिया है | अब वे राज्य की नई सरकार के साथ खड़े नजर आएंगे | पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट में शामिल प्रदीप जायसवाल ने राज्य की नई खनिज नीति को अंतिम रूप देकर खूब सुर्खियां बटोरी थी | उनकी दलील है कि क्षेत्र और प्रदेश के विकास के लिए वो वचनबद्ध है | प्रदीप जायसवाल ने राज्य की बीजेपी सरकार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है | फैसले से पूर्व उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता से रायसुमारी की | राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदीप जायसवाल नई सरकार में भी बतौर कैबिनेट मंत्री की कुर्सी पर नजर आएंगे | 

बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट से कांग्रेस से चार बार विधायक रह चुके प्रदीप जायसवाल की इस बार टिकट काट दी गई थी | कांग्रेस ने उनके स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को मैदान में उतारा था | कांग्रेस से टिकट कटने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था | बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को पराजित कर प्रदीप जायसवाल ने विधानसभा में दस्तक दी थी | बतौर निर्दलीय विधायक उन्हें कांग्रेस सरकार में शामिल कर महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी | 

कमलनाथ सरकार की रवानगी के बाद अब प्रदीप जायसवाल ने भी पाला बदल लिया है | उनके मुताबिक कार्यकर्ताओ का मनोबल बना रहे इसलिए उन्होंने नई गठित होने वाली सरकार को समर्थन दिया है | उन्होंने बताया कि समर्थन को लेकर उनकी बीजेपी नेताओं से भी बातचीत हुई है | उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को समर्थन देते वक्त भी मंत्री बनाने की बात नहीं हुई थी | इस बार भी क्षेत्र के विकास के अलावा उनकी कोई शर्त नहीं है | उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया | 

नई सरकार को समर्थन देने के दौरान प्रदीप जायसवाल ने इलाके के लोगों को पत्र भी लिखा है | इसमें कहा गया है कि “मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता मेरे क्षेत्र वारासिवनी – खैरलांजी क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ता है।  जिन्होंने मुझे विपरीत परिस्थितियों में भी चुनाव जितवाया है मेरा भी कर्तव्य बनता है कि अपनी जनता के जनादेश का मैं तहदिल से सम्मान करू और उनके हितार्थ के लिए कार्य करू,,इसलिए मैंने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था मुझे उम्मीद थी कि सरकार में रहते क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास और कार्यकर्ताओं का मान सम्मान सुनिश्चित करूंगा किंतु दुर्भाग्य यह है कि अंतिम समय तक कमलनाथ जी के साथ खड़े रहने के बावजूद वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर गई कमलनाथ जी के इस्तीफे के उपरांत क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक निर्दलीय विधायक के रूप में आगामी नई बनने वाली सरकार को समर्थन देने के अलावा मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आपसी गुटबाजी के चलते प्रदेश के लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत एवं तपस्या पर पानी फेर दिया है  किंतु मैं अपने क्षेत्र की जनता एवं कार्यकर्ताओं की मेहनत बेकार नहीं जाने देना चाहता उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने एवं क्षेत्र के मान सम्मान के लिए विपक्ष में ना रहते हुए आगामी सरकार को समर्थन देकर जनसेवा के प्रति समर्पित रहूंगा चार बार विधायक रहने के बाद मुझे अपने क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिला है इसलिए अब मेरा समर्थन नई सरकार को रहेगा।”

मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन की कवायत तेज हो गई है | माना जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी सरकार गठन को लेकर राजभवन का रुख करने वाली है | मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भी बीजेपी आलाकमान अंतिम फैसले पर पहुँच गया है | केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में जल्द ही विधायक दल की बैठक आहूत होने की खबर है |