निर्भया को मिला इंसाफ , तिहाड़ में चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे एक साथ दी गई फांसी

0
5

दिल्ली / साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में आज करीब सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई । निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया और अब इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा ।

फांसी देने से पहले चारों को मेडिकल किया गया, जिसमें सभी फीट और स्वस्थ थे। जिसके बाद जेल में फांसी की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें सजा-ए-मौत दी गई। इस दौरान तिहाड़ जेल को लॉक डाउन कर दिया गया था और जेल के बाहर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।

सात साल 3 महीने और तीन दिन पहले यानी 16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था । सड़कों पर युवाओं का सैलाब इंसाफ मांगने के लिए निकला था और आज जाकर उसका नतीजा निकला है ।

निर्भया की मां आशा देवी ने लंबे समय तक इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी, आज जब दोषियों को फांसी दी गई तो उन्होंने ऐलान किया कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी । आशा देवी का कहना है कि वह अब देश की दूसरी बेटियों के लिए लड़ाई लड़ेंगी ।

फांसी के बाद 7 साल से इंसाफ का इंतजार कर रहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि जैसे ही मैं सुप्रीम कोर्ट से लौटी, बेटी की तस्वीर को गले से लगाया और कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिला। आशा देवी ने वकील सीमा कुशवाहा और बहन सुनीता देवी को भी गले लगाया।

शुक्रवार की आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट में चली सुनवाई में निर्भया के दोषियों की तरफ से फांसी पर रोक की याचिका लगाकार रोक की मांग की गई। लेकिन, दिल्ली हाईकोर्ट ने किसी तरह की राहत से इनकार किया। उसके बाद निर्भया के गुनहगारों के वकील ने एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

जस्टिस भानुमति की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए एपी सिंह ने कहा कि आपने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। जस्टिस भानुमति ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों के वकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- हम इस राय पर पहुंचे हैं कि इस केस में कोई मेरिट नहीं है। जस्टिस भानुमति ने आगे कहा- सुप्रीम कोर्ट ने लगातार इसे बरकार रख है कि राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका खारिज होने के बाद उसकी समक्षी का गुंजाइश कम रह जाती है।

मिलने के बाद उसके वकील एपी सिंह ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जस्टिस भानुमति की तीन सदस्यीय बेंच में एपी सिंह ने राष्ट्रपति की तरफ से खारिज पवन की दया याचिका और फांसी पर स्टे की मांग की। इसके साथ ही, पवन को नाबालिग साबित करने के लिए कोर्ट के सामने स्कूल सार्टिफेकेट और अटैंडेंस रजिस्टर रखे गए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन चीजों पर पहले ही बहस हो चुकी है।

निर्भया गैंगरेप के वकील एपी सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की फांसी टालने की सारी कोशिश नाकाम साबित हुई। एपी सिंह ने कोर्ट में जस्टिस के सामने कहा- मैं जानता हूं कि उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा लेकिन दो-तीन दिन का वक्त और मिल जाता ताकि पवन का बयान लिया जा सकता।