रायपुर / PMGSY के चीफ इंजीनियर के.के. कटारे को उनके पद से हटाए जाने के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है | पुष्ट जानकारी के मुताबिक चीफ इंजीनियर के पद पर पदोन्नति देने के दौरान के.के. कटारे की अयोग्यता पर अफसरों ने पूरी तरह से अपनी आंखों में पर्दा डाल लिया था | यह इसलिए नहीं किया गया कि कटारे चीफ इंजीनियर के पद की आहर्ता पूरी करते थे | बल्कि अफसरों की कार्यप्रणाली पूरी तरह से संदेह के दायरे में है | जन चर्चा है कि विधानसभा चुनाव 2018 की आचार संहिता लगने से पहले अभियंताओं को पदोनत्ति देने के मामले में दो करोड़ रूपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ | आला अफसरों ने नियमानुसार पदोन्नति दिए जाने को लेकर भी अभियंताओं से मोटी रकम वसूली थी | पदोन्नति देने वाली यह कमेटी जांच के घेरे में है |
बताया जाता है कि किसी भी अफसर को पदोन्नति दिए जाने के दौरान DPC में उस अफसर से संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराये जाते है | इस दौरान अफसर की ‘सी.आर’ अर्थात गोपनीय चरित्रावली का विशेष ध्यान रखा जाता है | के.के. कटारे को पदोन्नति दिए जाने के मामले में DPC में मौजूद अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करने के पूरे सबूत विकास भवन में मौजूद है | बताया जा रहा है कि के.के. कटारे की दो साल की गोपनीय चरित्रावली तत्कालीन ‘सीईओ’ के बजाए दूसरे अफसर से लिखवाई गई | इसका मुख्य कारण कई गंभीर शिकायतों के चलते तत्कालीन सीईओ ने के.के. कटारे के खिलाफ अनियमितता पाई थी | उन्होंने मामले की जांच ACB और EOW समेत दूसरी जांच एजेंसियों से संपर्क साधा था | इस दौरान विभागीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन सीईओ का PMGSY से स्थानांतरण कर दिया गया | नतीजनत के.के. कटारे खिलाफ जांच अंजाम तक नहीं पहुंच पाई | दूसरी ओर तत्कालीन सीईओ के स्थानांतरण के बाद दो साल तक के.के. कटारे की गोपनीय चरित्रावली विधिवत दर्ज नहीं हुई | पदोन्नति के दौरान किसी अन्य अधिकारी से के.के. कटारे की सी.आर दर्ज कराकर DPC में पेश किया गया था | DPC में मौजूद अफसरों ने बगैर क़ानूनी कार्रवाई पूरी करे बगैर के.के. कटारे को पदोन्नति दिए जाने की सिफारिश कर दी थी | इस दौरान विभाग के कई अभियंताओं ने मंत्रालय में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ लेनदेन का आरोप भी लगाया था | लेकिन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उनकी मांग नक्कार खाने में तूती की आवाज की तरह दब कर रह गई | कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद और टीएस सिंहदेव जैसे ईमानदार विभागीय मंत्री की मौजूदगी में अब अफसर न्याय की गुहार लगा रहे है | उनकी मांग है कि इस मामले में मंत्रलाय में पदस्थ विभाग के आला अफसरों के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिए | वरना ऐसे अफसर अपने स्वार्थों के चलते कांग्रेस सरकार की साख में भी बट्टा लगाएंगे |