बसपा के तीन प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के साथ ही ये सच सामने आ गया कि जेसीसी जे और बसपा के बीच सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है । बहुजन समाज पार्टी ने जिन तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है, उन सीटों के लिए JCCJ से किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं की गयी है । जेसीसी जे सुप्रीमो अजीत जोगी ने ये कहकर भी सभी को चौका दिया है | जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि बसपा-जेसीसीजे गठबंधन को लेकर कहा कि गठबंधन हो या न हो फिर भी मायावती को शुभकामनाएं |
अजीत जोगी ने कहा कि तीन सीटें बसपा ने घोषित की है, उन सीटों के बारे में ना तो मुझसे और ना ही प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी से पूछा गया है, लोकसभा में वैसे भी हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है | ना तो हमारी लोकसभा चुनाव में कोई तमन्ना है और ना ही कोई संभावना है | संभावना और दिलचस्पी बीएसपी की है | लेकिन एक बात मैं जरूर कहना चाहूंगा कि हमारा गठबंधन हो या ना हो, लेकिन हमारे और मायावती जी के रिश्ते बने रहेंगे हम उन्हें शुभकामनाएं देंगे, वो प्रधानमंत्री की दावेदार भी हैं और लोग चाहते भी हैं कि वो प्रधानमंत्री बने | इस मुद्दे पर मैं मायावती जी से बात करूंगा और फिर जैसी बात होगी वो किया जायेगा | लेकिन जिस तरह से बिना आम सहमति के बीएसपी ने तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया, उसके बाद ये बातें साफ हो गयी है कि गठबंधन छत्तीसगढ़ में खटाई में पड़ गया है ।
लेकिन बसपा ने प्रत्याशी उतारने से पहले बात नहीं की अगर जरूरत पड़ी तो मायावती से बात करूंगा और गठबंधन और सीटों के बारे में हमारी पार्लियामेंट्री बोर्ड निर्णय करेगी | पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होली के बाद होगी । वही बसपा प्रदेश प्रभारी एमएल भारती ने गठबंधन को लेकर विरोधाभासी बयान दिया है उन्होंने कहा कि गठबंधन जारी रहेगा लेकिन हमारी पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी । हालांकि पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सभी 11 सीटों के लिए प्रत्याशी के नाम मंगाए है तो तैयारी सभी सीट के लिए है ।
बता दें कि जोगी कांग्रेस और बसपा गंठबंधन ने लोकसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया था | लेकिन सीटों की आपसी खींचतान की वजह से गठबंधन टूटता नजर आ रहा है । इसी बीच बसपा ने बिना राय मशविरा के जिस तरह से 3 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया, उसने आपसी खींचतान को सबके सामने उजागर कर दिया है । ये सीट बस्तर, कांकेर और जांजगीर की । इनमें से जांजगीर को बसपा का गढ़ कहा जाता है । बसपा ने कांकेर से सुबे सिंह ध्रुवे को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि बस्तर लोकसभा से आयतु राम मंडावी को बसपा ने टिकट दिया है । वहीं जांजगीर-चांपा सीट से पार्टी ने दाउराम रत्नाकर को चुनावी मैदान में उतारा है | दाउराम रत्नाकर पूर्व विधायक हैं और क्षेत्र में उनका अच्छा खासा जनाधार है ।