भोपाल / मध्यप्रदेश में सियासी भूचाल के आसार नजर आने लगे है | राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि फ्लोर टेस्ट के पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना इस्तीफा दे सकते है | सूत्र बता रहे है कि कांग्रेस की डेढ़ बरस पुरानी सरकार को बचाने के पार्टी आलाकमान समेत कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी के तमाम प्रयास विफल साबित हुए है | सिंधिया समर्थक विधायक अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं है | ऐसे में फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री कमलनाथ को मुंह की खानी पड़ सकती है | सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की अटकलों के बीच राजभवन में हलचल तेज हो गई है |
शनिवार शाम राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत दर्जनभर आला अधिकारियों को तलब कर प्रशासन को मुस्तैद बनाये रखने के निर्देश दिए है | बताया जा रहा है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने के लिए राज्यपाल के निर्देशों से किसी नए राजनैतिक-प्रशासनिक हालात के बनने के संकेत मिले है | माना जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट में यदि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार नाकामयाब रही तो प्रदेश की कमान खुद राज्यपाल लालजी टंडन संभाल सकते है | राजभवन के अचानक सक्रिय होने से राजनैतिक गलियारों में राष्ट्रपति शासन की चर्चा जोरों पर है |
इसके पूर्व बीजेपी प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है | यह भी मांग की है कि शक्ति परीक्षण की वीडियोग्राफी की जाए। राज्यपाल से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है | 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद भी वो सत्ता में बनी हुई है | उन्होंने बताया कि 16 मार्च को बजट सत्र की शुरुआत से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर राज्यपाल को ताजा राजनैतिक हालात से अवगत कराया गया है |