मध्यप्रदेश में सियासी संकट से घिरने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा- हम मजबूत स्थिति में , आधा दर्जन मंत्री बर्खास्त , सिंधिया समर्थक 22 विधायकों का इस्तीफा

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भोपाल / मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम जारी है | मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्री मंडल में कोहराम मचा है | ज्योतिरादित्य समर्थक आधा दर्जन मंत्रियों की बर्खास्तगी के बावजूद बागी विधायकों के तेवर नरम नहीं पड़े है | सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज कर मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बड़ा दी है | इस बीच कमलनाथ ने दावा किया है कि उनकी सरकार सुरक्षित है | वो फ्लोर टेस्ट पर कामयाब रहेंगे | उधर अपना नामांकन दाखिल करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल से दिल्ली रवाना हो गए | रास्ते में कांग्रेसियों ने उन्हें काले झंडे दिखाने की जमकर कोशिश की | प्रदर्शनकारी  कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्क्त भी करनी पड़ी |  

उधर सिंधिया समर्थक विधायकों का भोपाल प्रवास स्थगित हो गया | ये विधायक अभी भी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रुके हैं | कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन मिल नहीं पाए थे | 

मौजूदा स्थिति में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विपक्षी भाजपा पर हमला बोला है | भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे भाजपा की साजिश बताया और कहा कि हमारे नेताओं को बेंगलुरु में विधायकों से मिलने नहीं दिया गया | उन्होंने कहा कि यह होटल नहीं बल्कि जेल है | मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हमारी सरकार मजबूत स्थिति में है | 

विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ के साथ मजबूती से प्रचार में जुटे रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर किये गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में वही बता पाएंगे कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी | इससे पहले कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया | 

कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर बंधक विधायकों को छुड़ाने की मांग की. कमलनाथ ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराने की जानकारी दी थी और कहा था कि ऐसा तभी संभव है, जब बंधक बनाए गए 22 विधायकों को रिहा किया जाए | बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो दिन पहले हाथ का साथ छोड़कर कमल का दामन थाम लिया था | फ़िलहाल तो कमलनाथ सरकार की रवानगी तय मानी जा रही है |   मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च के बजाये 25 मार्च से शुरू होगा | इस दौरान यह देखना गौरतलब होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है |