मध्यप्रदेश के ‘महाराजा’ की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महाराज कांग्रेस को नहीं देंगे गच्चा ,छत्तीसगढ़ के ‘महाराज’ का हाथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ , कहा – सौ जन्म भी मुझे मिलें तब भी मैं बीजेपी की विचारधारा नहीं अपनाऊंगा ,  पार्टी के साथ नहीं करूँगा ‘घात’  

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रायपुर / मध्य प्रदेश में महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद लोगों की निगाहें छत्तीसगढ़ के “महाराज ” पर टिक गई है | दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के 52 से ज्यादा विधायक महाराज के समर्थक है | इनमे से 40 तो कट्टर रूप से महाराज की जय जयकार करने का दावा करते है | मध्यप्रदेश में डावाडोल होती कांग्रेस की सरकार के बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता को लेकर भी कयास लगने लगे है | 

मध्यप्रदेश का सुरते हाल देखकर , छत्तीसगढ़ में भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने तो यहां तक कह डाला कि छत्तीसगढ़ के महाराज के पीछे भी तकरीबन 40 विधायक हैं | उधर, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच दरार को लेकर चर्चाओं का बाजार और गरम हो गया | जयपुर और बीकानेर में कांग्रेसी विधायकों की बैठके राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है | कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुख में बदलाव नहीं आया , तो जल्द ही यहां भी राजनीति करवट ले सकती है | सचिन पायलट काफी सक्रिय हो गए है |  

उधर मध्यप्रेदश के राजनैतिक संकट  के  बीच छत्तीसगढ़ में सरगुजा के महाराज और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस सिंहदेव ने साफ कर दिया कि ग्वालियर के ‘महाराजा’ की तरह वे पाला बदलने वाले नहीं है |  उन्होंने कहा, जिन्हें लगता है कि छत्तीसगढ़ की सत्ता में भी मध्यप्रदेश जैसा घात हो सकता है तो वे एक बात समझ लें कि यहां ऐसा होना मुमकिन नहीं है | शुक्रवार को टीएस सिंहदेव ने मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के बावजूद मध्यप्रदेश के राजनैतिक घटनाक्रम पर अपनी निगाहें गड़ायें रखी थी | टीएस सिंहदेव ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा में अच्छा प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ ने नए बेंचमार्क स्थापित किये है | उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अफसरों को गांव का नियमित भृमण करना चाहिए |   

दरअसल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रमन सरकार की विदाई के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल के अलावा सबसे ज्यादा मुफीद नाम टी.एस. सिंहदेव का लिया जा रहा था | यही नहीं मुख्यमंत्री की दौड़ में मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत और दुर्ग के तत्कालीन सांसद ताम्रध्वज साहू का नाम भी सुर्खियों में रहा | हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति बनाने से लेकर चुनावी घोषणापत्र बनाने में सरगुजा महाराज को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी | 

चुनाव विश्लेषकों और छत्तीसगढ़ के राजनैतिक गलियारों के मुताबिक राज्य में चुनाव के दौरान घर-घर जाकर असल मुद्दों को तलाशने और उन्हें चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की सिंहदेव की रणनीति का ही कमाल था कि प्रदेश में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की | हालांकि भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपे जाने के फैसले के बाद टी.एस.सिंहदेव के समर्थकों ने जमकर नाराजगी भी जताई थी |लेकिन कुछ वक्त बाद मामला शांत पड़ गया था | महाराज ने भी अपने कार्यकर्ताओं को फौरन शांत कर दिया था | 

मध्यप्रदेश की सत्ता में ग्वालियर महाराजा की कवायत के बाद सरगुजा स्टेट के महाराज टी.एस. सिंहदेव ने इन कयासों पर विराम लगाते हुए साफ़ किया, कि ”लोग कयास लगा सकते हैं |  लेकिन मैं कभी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन नहीं करुंगा |  यहां तक कि सौ जन्म भी मुझे मिलें तब भी मैं बीजेपी की विचारधारा नहीं अपनाऊंगा | एक व्यक्ति अगर इसलिए अपनी पार्टी छोड़ता है कि वह अपनी पार्टी में मुख्यमंत्री नहीं बन पाया तो मुझे लगता है कि उसे कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए|” उन्होंने कहा कि सरगुजा की राजमाता और पूर्व मंत्री देवेंद्रकुमारी सिंहदेव और भी कांग्रेस की लोकप्रिय नेता रही हैं | 

दरअसल, छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश एपिसोड की चर्चा उस समय तेज हो गई जब भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत के एक तंज “कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री टी.एस. सिंहदेव के साथ 40 विधायक” होने की बात कहने के फौरन बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले पर छत्तीसगढ़ सरकार को एक सलाह दे डाली | 

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “मध्यप्रदेश की गलतियों से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को सीख लेनी चाहिए”| इसके साथ उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए यह भी लिखा था छत्तीसगढ़ का तथाकथित सामूहिक नेतृत्व केवल इस तस्वीर में दिखने को मिलता है, वर्तमान में साहू, शहरी और सरगुजा तो पूरी तरह से गायब हैं! बहुमत कितना भी विशाल क्यों न हो, उसे लोकतंत्र अहंकार और तानाशाही में बदलने का अधिकार नहीं देता है |

  छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया बनने में देरी नहीं लगेगा। साथ ही उन्होंने टीएस सिंहदेव और सचिन पायलट को इस ट्वीट में टैग किया था | इस ताजा राजनैतिक ट्वीट के बाद टीएस सिंहदेव का यह बयान सामने आया है |