भोपाल / मध्यप्रदेश में सियासी संकट गहराता ही जा रहा है। सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद सीएम कमलनाथ ने सभी 16 मंत्रियों से इस्तीफे ले लिए। वह नई कैबिनेट का गठन करेंगे। उन्होंने रात 10.30 बजे बैठक बुलाई थी जिसके बाद ये बड़ा फैसला लिया गया। ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा के कुछ विधायकों को कांग्रेस के खेमे में शामिल किया जा सकता है। इसीलिए मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए हैं।
इस सियासी उठापठक के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा, प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरे लिए सबसे बड़ी शक्ति है। मध्य प्रदेश की जनता के द्वारा बनाई गई सरकार को किसी भी कीमत पर अस्थिर करने वाले तत्वों को सफल नहीं होने दूंगा।
कमलनाथ ने कहा कि सौदेबाजी की राजनीति मध्यप्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि 15 साल में भाजपा के राज में हर क्षेत्र में माफिया समानांतर सरकार बन गया था। प्रदेश की जनता त्रस्त थी और उसने माफिया रूप से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता सौंपी। मैंने जनता की अपेक्षा पर माफिया के खिलाफ अभियान चलाया। माफिया के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर उठे संकट के बीच भोपाल में मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनती दिखी है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं मानते हैं तो कांग्रेस व्हिप जारी कर सकती है।
व्हिप के जरिए पार्टी विशेष सत्र बुलाकर सिंधिया समर्थक विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है कि कांग्रेस को 105 विधायकों के साथ बहुमत साबित करना पड़ेगा।
सियासी संकट को लेकर आज भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल मची रही। दोनों दलों के तमाम बड़े नेता सक्रिय हुए और सियासी हलचल चरम पर पहुंच गया। भोपाल में दिग्विजय सिंह से मुलाकात के बाद सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक बुलाई।
उधर, दिल्ली में भी बैठकों का दौर तेज रहा। शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर ने अहम बैठक की। वहीं, नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे। सिंधिया मंगलवार सुबह ग्वालियर जाएंगे। मंगलवार को उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की 75वीं जयंती है। ग्वालियर से वह भोपाल जा सकते हैं।