छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा, आयकर छापों में यहां कुछ नहीं कर सकी तो मध्यप्रदेश में विधायक तोड़ने में जुटी भाजपा, मुश्किल में कमलनाथ सरकार  

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर कांग्रेसी सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया है | राज्य में आयकर छापों को लेकर मची राजनीति के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब कुछ न मिला तो उनके इर्द-गिर्द के लोगों को बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा को इसी की शिक्षा मिलती है। यही काम हो रहा है। इसलिए वे कह रहे हैं कि सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही है। यहां तो कुछ नहीं कर सके, इसलिए यहां के बाद मध्यप्रदेश में विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आयकर छापों के बाद सीएम बघेल ने पहली बार सदन में खुलकर केंद्र सरकार व भाजपा को आड़े हाथ लिया।  

बघेल ने कहा कि वे छापों का विरोध नहीं कर रहे है, यह सामान्य प्रक्रिया है | उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष के साथी को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात कर रहे थे। छापों का विरोध नहीं है। यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन रातों-रात सैकड़ों की तादाद में अफसर आ गए। एसपी और डीजीपी को सूचना नहीं दी गई। छापे के बाद विभाग प्रेस नोट जारी करता है कि किसके पास से क्या-क्या सामान मिला। अखबारों-टीवी पर खबरें दिखाई गई कि 100-150 करोड़ कैश मिला, 25 किलो सोना मिला और सिर्फ 2.56 करोड़ मिले हैं। उसमें भी एक अफसर के यहां तीन लाख, दूसरे के यहां 13 लाख और तीसरे के यहां 26000 ही मिले। पार्षद अफरोज अंजुम के यहां 1800 मिले। इसके विपरीत भाजपा कार्यकर्ता के यहां एक करोड़ मिले हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नौकरशाही का बचाव करते हुए कहा कि सभी अफसर भ्रष्ट नहीं है, कई ईमानदारी से काम करते हैं |सीएम ने कहा कि वे यह नहीं कहते कि सभी अफसर ईमानदार हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे अफसर हैं, जो ईमानदार हैं। छापे में जिनका नाम पहले पेज पर या प्राइम टाइम पर दिखाया गया, उनकी तो इज्जत उतर गई, क्योंकि एक बार जो प्रकाशित हो गया, वह बाद में वाट्सअप के जरिए वायरल होता है। 

उधर मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर सियासी संकट पूरी तरह से नहीं टला है | कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने की आशंका बनी हुई है | कांग्रेस विधायक हरदीप डंग के इस्तीफे के बाद पांच और विधायकों के इस्तीफे की ख़बर से कांग्रेस आलाकामन सकते में आ गया है | यह भी बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के तीन मंत्रियों समेत चार विधायकों ने  दिल्ली का रुख किया है | इसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ की सांसे फूली हुई है | हालाँकि शुक्रवार सुबह उन्होंने अपने मंत्रियों को साफ किया कि सरकार पर कोई ख़तरा नहीं है | वो अपना कार्यकाल पूरा करेंगे | उन्होंने मौजूदा सियासी संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया |