रिपोर्टर – रफीक खांन
सुकमा – ग्रामीणों द्वारा महुआ बीनने के लिए लगाई गई आग अब जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग के डिपो तक पहुँच गई है । वन विभाग के डिपो से पहले कई किमी के दायरे में आग से काफी नुकसान हुआ है। इतने नुकसान के बाद भी बीट गार्ड सहित वन अमले को नहीं मिली खबर ।लापरवाही इतनी की डीएफओ सुकमा के पहुँचने के बाद पहुँचे रेंजर । 2 बाल्टी व 4 डब्बे से पानी लेकर चले आग पर काबू पाने की कोशिश ।
ज्ञात हो कि गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ बीनने ग्रामीणों द्वारा आग लगाई जाती है । ग्रामीण अपने अपने खेतों में व कब्जे वाले जमीन पर मौजूद महुआ पेड़ो के निचे गिरे सुखे पत्तों को एक जगह इक्क्ठे कर आग लगा कर महुआ बीनते है| इस तरह से उन्हें महुआ बीनने में आसानी होती है। वहीं लगाए गए आग को ध्यान नहीं दिया जाता । और उसका नुकसान कई पेड़ पौधों को उठाना पड़ता है । इसे काबू में करने विभाग द्वारा पुर जोर तवज्जों देना होता है । लेकिन यहाँ ये सब महज़ एक खाना पूर्ति के रूप में ले लिया जाता है । इसी का परिणाम हैं कि यहां इस प्रकार की खबरें निकल कर आती है । वहीं विभाग द्वारा आज पर्यंत तक वनो को आग से बचाने के लिए पोस्टर पाम्पलेट भी नहीं लगाए गए हैं । जब ग्रामीण इलाकों में इस के लिए खास ड्यूटी लगाने के साथ उन्हें संरक्षित रखने के व समय समय पर आला अधिकारियों की देखरेख की भी जिम्मेदारी दी जाती है । बरहाल ऐसी खबरे इस जिले में बहुत देखने को मिलती है ।