रायपुर / छत्तीसगढ़ में रेरा की कुर्सी पर जमे पूर्व चीफ सेक्रेटरी विवेक ढांड की छुट्टी की अटकले तेज हो गई है | जानकारों के मुताबिक अब वो रेरा का पेड़ा नहीं खा पाएंगे | पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने खासतौर पर उन्हें इस कुर्सी पर बैठाया था | रियल स्टेट रेगुलेटिंग अथार्टी के चेयरमेन के पद पर विवेक ढांड की ताजपोशी के लिए इस पद को तत्कालीन सरकार ने आठ महीने से भी अधिक वक्त तक खाली रखा था | ताकि चीफ सेक्रेटरी पद से रिटायर होते ही रेरा की कुर्सी तस्तरी में रखकर उन्हें परोस दी जाए | हालांकि लम्बे समय से रेरा का पद खाली होने के चलते लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था | तब जाकर तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इस पद पर आनन-फानन में ढांड की नियुक्ति की थी |
हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में सनसनी पैदा करने वाले आयकर-ईडी के छापों से रेरा चेयरमेन की कुर्सी भी हिल गई है | बताया जाता है कि इस पद से विवेक ढांड की विदाई लगभग तय मानी जा रही है | यह भी बताया जा रहा है कि उनके इस्तीफे को लेकर “सरकार” भी पसोपेश में है | इससे पहले कि विवेक ढांड की कार्यप्रणाली को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और किसी नई मुसीबत से घिरे , इससे पहले उनके भावभीनी विदाई पर जोर दिया जा रहा है |
बताया जाता है कि कई आईएएस , आईपीएस और आईएफएस अफसरों के अलावा पूर्ववर्ती बीजेपी और वर्तमान कांग्रेस सरकार से जुडी कई महत्वपूर्ण फाइल-दस्तावेज ढांड के आवास में पाए गए है | दस्तावेजों से भरी यह आलमारी आयकर-ईडी ने सील की है | इस आलमारी में रखे दस्तावेजों की पड़ताल के लिए इसे जल्द ही आयकर मुख्यालय भेजे जाने की तैयारी है | सिर्फ आयकर-ईडी की रेड ही नहीं बल्कि समाज कल्याण विभाग में हुए एक हजार करोड़ के कथित घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर भी विवेक ढांड ने छत्तीसगढ़ सरकार की मुसीबते बढ़ा दी है | इस मामले में भी इस माह के आखिरी हफ्ते में छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के तहत अपना जवाब सौंपना है | बताया जाता है कि तत्कालीन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में विवेक ढांड , मुकेश गुप्ता और अमन सिंह की तिकड़ी ने अपनी कार्यप्रणाली से जमकर सुर्खियाँ बटोरी थी |
छत्तीसगढ़ में पांच दिनों तक चली पहले दौर की छापे की कार्रवाई पर CBDT ने पहली बार जो जानकारी दी वो काफी हैरत वाली है | बताया जाता है कि छापे के दौरान कुछ जिम्मेदार अफसरों के आवास एवं कब्जे से कई गोपनीय फाइल मिली है , जिसे सरकारी दफ्तर में होना चाहिए था | CBDT ने प्रेस नोट में यह भी जाहिर किया कि इन अफसरों के कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और फर्जी शैल कंपनियां , नौकरों के नाम पर खाते , छोटी कंपनियों के नाम पर सैड़कों एकड़ बेशकीमती जमीने , पद का दुरूपयोग कर रहे लोक सेवकों की अवैध वसूली हवाला , इलेक्ट्रानिक डेटा के प्रमाण मिले है |
आयकर विभाग ने अब तक के छापों में 150 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा कर अंदेशा जाहिर किया है कि यह आंकड़ा कई गुना अधिक भी हो सकता है | फ़िलहाल जांच जारी रखने का हवाला देते हुए CBDT ने घेरे में आये अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए है |
बताया जाता है कि राज्य के पूर्व चीफ सेक्रेटरी और रेरा के मौजूदा चेयरमेन विवेक ढांड के आवास से आयकर-ईडी की टीम ने बड़े पैमाने पर दस्तावेज सीज किये है | एक जानकारी के मुताबिक ढांड के आवास और उनके चाटर्ड एकाउंटेंट कमलेश जैन के ठिकाने में दस्तावेजों से भरी एक-एक बड़ी आलमारी में “पीओ” लगाया गया है | सूत्र बता रहे है कि इस आलमारी में रखे दस्तावेज पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ही नहीं बल्कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के लिए मुसीबत भरे हो सकते है | उधर कई आईएएस , आईपीएस और आईएफएस अफसरों ने ईडी-आयकर की कार्रवाई को देखते हुए विवेक ढांड से किनारा कर लिया है | सूत्र बता रहे है कि राज्य की कांग्रेस सरकार भी अब नौकरशाहों के निजी-व्यक्तिगत मामलों पर अपनी टांग नहीं फंसाना चाहती | इसलिए रेरा के नए चेयरमेन की खोजबीन शुरू हो गई है |