अब नए कलेवर में बीजेपी, NDA का चेहरा – मोहरा भी बदलेगा, नए नेताओं और दलों के लिए बीजेपी ने खोला दरवाजा, राज्यों में भी नया नेतृत्व, मध्यप्रदेश के बाद छत्तीगढ़ में नया अध्यक्ष आदिवासी – ओबीसी समुदाय से  

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दिल्ली वेब डेस्क / दिल्ली समेत लगभग आधा दर्ज़न राज्यों में लगातार हार का सामना करने के बाद बीजेपी ने खुद को नए कलेवर में ढालना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पार्टी में NDA के दोस्तों को और बीजेपी के नए साथियो की  भी तलाश शुरू कर दी है।  पार्टी ने झारखण्ड में बाबू  लाल मरांडी को अपने कुनबे में  शामिल कर अपने अभियान का आगाज़ किया है। बतया जा रहा है कि बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले बीजेपी और NDA  में कई नेता और राजनैतिक दल शामिल हो सकते है| 


लगातार राज्यों में हो रही हार और कई राज्यों में सत्ता में पुर्नवापसी ना कर पाने मलाल बीजेपी आलाकमान पर साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है।दिल्ली चुनाव के बाद बीजेपी ने नयी रणनीति पर काम करते हुए मोदी के चेहरे के आलावा राज्यों में भी अलग से नया नेतृत्व खड़ा करने पर काम शुरू कर दिया है। अपने पुराने साथियो को खुश रखने के साथ साथ पार्टी ने नए साझेदारों को जोड़ना शुरू कर दिया है|

बीजेपी ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नए नेतृत्व और साझेदारों को अपना सहभागी बनाया है। छत्तीसगढ़ में नए पार्टी अध्यक्ष की तलाश अंतिम चरण में है। जबकि मध्यप्रदेश में चौधरी राकेश सिंह के स्थान पर सांसद विष्णुदत्त शर्मा को नया अध्यक्ष नियुक्त कर नयी सियासी रिश्तेदारी निभाई है।

छत्तीसगढ़ में भी इसी तर्ज पर नया अध्यक्ष कार्यकर्ताओ और जनता के बीच पहुचेंगा। इसमें सासंद सरोज पांडेय , सांसद विजय बघेल और सांसद रामविचार  नेताम के नामो पर चर्चा जारी है। चूँकि मध्यप्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति सवर्ण समुदाय से हुई है | इसलिए माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ अध्यक्ष का नए नाम में सामुदायिक मुहर आदिवासी – ओबीसी की लगना बाकि है। 

बीजेपी दक्षिण भारत में कई नए साझेदारों को लाने की कोशिश कर रही है।  आँध्रप्रदेश में CM जगन मोहन रेड्डी की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को सहयोगी दल बनाने की कोशिश चल रही है। वाईएसआर कांग्रेस ने राज्यसभा में मोदी सरकार के कई विवादित बिलो को पास करने में मदद की है।  इसके आलावा बीजेपीकी मौजूदा सहयोगी उत्तरप्रदेश में सांसद अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपने दल के साथ रिश्ते सुधारने की तैयारी है।  झारखण्ड में आदिवासी नेता  बाबूलाल मरांडी की वापसी से पार्टी में राज्य में अपना किला दुरुस्त करने की कोशिश  की है।