बीजेपी के बयानवीर नेताओं से दहशत में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान , मारे डर के दी नसीहत- बिहार चुनाव में भाषा पर संयम बनाए रखना चाहिए वर्ना दिल्ली जैसा होगा हाल-बेहाल , अब बिहार चुनाव की सरगर्मियां तेज 

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पटना वेब डेस्क / दिल्ली में बीजेपी की रणनीति भले ही कितनी बेहतर क्यों ना हो लेकिन नेताओं के कड़वे बोल ने इतना असर डाला कि सत्ता का स्वाद चखना बीजेपी के लिए नामुकिन हो गया | चुनावी नतीजे आने के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं खासकर गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कड़वे बोल वाले नेताओं की क्लास भी ली | हालांकि “अब पछताय होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत” जैसी कहावत चरितार्थ हो गई हो | ऐसे हालात अब बिहार में न बने , इसे लेकर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नेता रामविलास पासवान सहम गए है | उन्हें अंदेशा है कि बीजेपी ने यदि अपने नेताओं की जुबान पर लगाम नहीं लगाई तो बिहार भी दिल्ली बन जायेगा |  

 डरे सहमे रामविलास पासवान ने कहा है कि इस साल के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव स्थानीय विकास के मुद्दों पर लड़ा जाएगा और चुनाव में भाषा पर संयम बनाए रखना चाहिए। हालांकि पासवान ने यह वक्तव्य किसी पार्टी विशेष या उनके नेताओं का नाम लेकर नहीं  कहा | लेकिन उनकी यह नसीहत बीजेपी नेताओं के लिए थी | राजनैतिक गलियारों में ऐसा ही माना जा रहा है | पासवान ने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एकजुट है। उन्होंने कहा कि एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ बिहार में सरकार बनाएगा, क्योंकि विपक्ष डूबा हुआ जहाज है। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में कटु बयानों को लेकर भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेताओ के लिए पासवान की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। निर्वाचन आयोग ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में कुछ भाजपा नेताओं को भड़काऊ भाषण देने को लेकर फटकार लगाई थी।

बिहार में एनडीए की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘लोजपा मजबूती से राजग के साथ बनी हुई है। मैंने हमेशा कहा है कि केवल वे जानवर सड़क पर मरते हैं, जो यह फैसला नहीं कर पाते कि बाएं जाएं या दाएं। जहां तक नीतीश कुमार की बात है तो मुझे नहीं लगता कि वह कहीं और जाएंगे।’


उन्होंने कहा कि बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिए कोई भी छोड़कर नहीं जाएगा। पासवान ने कहा, ‘विपक्ष में क्या है? लालू यादव जेल में हैं, उनकी सेहत ठीक नहीं है, बाकी पार्टियां अलग-अलग राग अलाप रही हैं। ऐसे में कौन विपक्ष में जाएगा। यह डूबता जहाज नहीं, बल्कि डूब चुका जहाज है। वे अपने बीच के लोगों से ही लड़ रहे हैं। एनडीए एकजुट है।’