दिल्ली वेब डेस्क / छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के कुख्यात एडीजी और कई गंभीर मामलों के आरोपी मुकेश गुप्ता को जेल या बेल का फैसला आज बहुत हद तक तय हो जायेगा | सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी | दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही नो-कोरेसिव एक्शन का निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार को दे चूका है | हालांकि राज्य सरकार ने आज होने वाली सुनवाई पर अपना पक्ष मजबूती के साथ रखने के लिए बड़ी तैयारी की है | कानून के जानकार बता रहे है कि राज्य सरकार की दलीलों से अब आरोपी मुकेश गुप्ता को राहत मिलना काफी मुश्किल नजर आ रहा है | रही सही कसर पूरी करने के लिए मानिक मेहता ने भी अदालत का रुख किया है |
सुप्रीम कोर्ट में आज आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज तीन अलग अलग FIR पर सुनवाई होगी | दो मामले , FIR/06/2019 , 07/2019 अवैध फोन टेपिंग और EOW की जांच से जुड़े है | जबकि भिलाई के सुपेला थाने में दर्ज चार सौ बीसी के प्रकरण की विवेचना पर भी अदालत में आज सुनवाई होगी | दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता ने शासन के साथ धोखाधड़ी करते हुए बगैर रकम चुकाए भिलाई में साडा का आवासीय भू-खंड की रजिस्ट्री अपने पक्ष में करवाई थी | वे साडा के तत्कालीन SEO भी थे | अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उन्होंने इस भू-खंड को साडा के भंग होने के बाद अपने पक्ष में आवंटित किया था | यही नहीं कागजी खानापूर्ति करने के लिए इस भू-खंड की रकम की अदायगी चेक के जरिये रजिस्ट्री पेपर पर दर्शायी गई थी | जबकि बैंक में भुगतान ही नहीं हुआ था | चार सौ बीसी के इस प्रकरण की शिकायत मानिक मेहता ने पुलिस से की थी | हालांकि सबूत प्राप्ति के बावजूद मुकेश गुप्ता के प्रभाव के चलते कई महीनों तक इस मामले की जांच लंबित रही | लेकिन मानिक मेहता की सक्रियता के चलते स्थानीय पुलिस को आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करना पड़ा था | बताया जाता है कि क़ानूनी दांवपेचों का सहारा लेकर आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपने खिलाफ चल रही तमाम वैधानिक कार्रवाइयों पर ब्रेक लगा रखा है | फ़िलहाल इन तीनो ही प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई और फैसला दोनों पर ही राज्य की जनता की निगाहें लगी हुई है |