एक तरफ छत्तीगसगढ़ सरकार बिजली हाफ करने का दावा कर रही है दूसरी तरफ बिजली कटौती कर रही है | सरकार एक ओर जहां शहर से लेकर गांव तक जीरो पावर कट का दावा कर रही है । वही दूसरी ओर ग्रामीण अंचलो में अघोषित बिजली ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है । बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए लगभग पांच से छह गांव के बीच एक सब स्टेशन स्थापित किया गया है । लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है । इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है । जबकि आगे और भी भीषण गर्मी पड़ने वाली है । जब अभी से बिजली का यह हाल है तो आगे गर्मी में क्या होगा, यह सोचकर लोग परेशान हैं ।
परीक्षार्थी हो रहे परेशान |
इलाके में हो रही कटौती बोर्ड व यूनिविर्सिटी परीक्षार्थियों पर भारी पड़ रही है । कटौती को लेकर इनमें रोष भी है । मजबूरन में लालटेन, मोमबत्ती और दीये की रोशनी में तैयारी करनी पड़ रही है । इस समय बोर्ड के साथ यूनविर्सिटी की भी परीक्षाएं चल रही हैं । बिजली न आने से उनकी पढ़ाई-लिखाई डिस्टर्ब हो रही है और वह ठीक तरीके से अपनी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं । ऐसे समय में अघोषित बिजली कटौती उनकी इस तैयारी में बाधा डाल रही है ।
बिजली कटौती से आवश्यक काम में लेट लतीफी
ग्रामीणों के मुताबिक जब अघोषित कटौती के बारे में बिजली विभाग से पूछते हैं तो अधिकारी-कर्मचारी पॉवर कट की सही – सही जानकारी नही देते । गर्मी में बिजली बंद होने से काफी परेशानी होती है । कभी कभी तो दिन भर बिजली बन्द रहती है। जिसके कारण शासकीय कार्यालय, बैंक और अन्य जरूरी काम नहीं हो पाता है । जिससे ग्रामीणों बैंक ,कार्यालय का बार बार चक्कर लगाना पड़ता है ।
ग्रामीणों के मुताबिक हल्की बारिश होने और हवा चलने पर ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली बंद कर दी जाती है । ग्रामीण इलाकों में आए दिन बिजली बंद हो जाती है । बिजली बंद होने के बाद कब बहाल होगी, इसका ठिकाना नहीं रहता । उनके मुताबिक विभाग द्वारा रखरखाव के लिए उपभोक्ताओं से लाखों रुपए वसूले जाते हैं । लेकिन हल्की बारिश और जरा से तेज हवा चलने पर बिजली बंद कर दी जाती है । धमतरी जिले के कुरुद ब्लॉक में कल्ले एवं सिलीडीह सब स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गांव जी-जामगांव ,बिरेझर, भैसबोड,मडेली समेत सब स्टेशन से जुड़े आस-पास के सभी गांव के लोग बिजली बन्द होने से काफी परेशान है । इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
पानी भी बिजली पर ही निर्भर है
जब बिजली नहीं आती तो लोगों को पानी भी नहीं मिल पाता । पानी न आने से सुबह के समय महिलाओं के सब काम-धंधे बीच में ही अटक जाते हैं । न तो नहाने के लिए पानी मिल पाता और न ही कपड़े धोने व बर्तन मांजने के लिए पानी मिल पाता । लोगों को बिना नहाये-धोये ही अपने काम-धंधों पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है । केवल इतना ही नहीं गांव-देहात क्षेत्रों में नलकूप न चलने से किसानों का सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है । पानी के अभाव में उनकी फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी बिजली अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं ।