चुनाव आयोग के लिए बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराना कड़ी चुनौती , 350 से ज्यादा अतिरिक्त कंपनियों की होगी तैनाती |

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 लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो गई हैं, पहले चरण में छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक सीट बस्तर संसदीय सीट पर मतदान होना है । ऐसे में यहां चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से निपटाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है । लोकसभा चुनाव के  मद्देनजर सुरक्षा बलों की तकरीबन कुल 350 से ज्यादा अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की जाएगी।   इन जवानों को मोर्चा संभालने के लिए नक्सल क्षेत्र में तैनात किया जाएगा । बाहर से आ रहे अतिरिक्त बल, बस्तर में पहले से तैनात अर्ध सैनिक बल और पुलिस वालों को मिलाकर बस्तर में चुनाव के दौरान जवानों की संख्या करीब एक लाख पहुंच जाएगी । हर बार नक्सली लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं । हिंसा रोकने के लिए पुलिस कोई नया प्लान नहीं बना रही है, बल्कि विधानसभा चुनाव में जिस तर्ज पर काम किया गया था उसी तर्ज पर सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है । इसके अलावा इन चुनावों में नया यह कि सुरक्षा-व्यवस्था के लिए जिलेवार एसपी से जवानों की डिमांड मंगाई गई है ।

        चुनाव आयोग के लिए बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराना कड़ी चुनौती है । क्योंकि घात लगाए बैठे नक्सली सड़कों पर IED  बम लगाकर गाड़ियों को अपना निशाना बनाते हैं । सबसे बड़ा खतरा नक्सलियों की बारूदी सुरंगे है |  सुकमा जिले की तीन दर्जन से अधिक सड़को और पगडंडियों व जंगल से होकर गुजरने वाले रास्तों में नक्सलियों ने कई  बारूदी सुंरग बिछाए रखे है |  जिसमे  कई जवानो व ग्रामीणों ने अपनी  जान गवाई है |