आज हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की अग्नि परीक्षा , मूल दस्तावेजों के साथ अदालत में हाजिर हो महाधिवक्ता ? एक हजार करोड़ के घोटाले को लेकर आरोपियों को मिले सरकारी संरक्षण का होगा पोस्टमार्टम , याचिकाकर्ता के भी दर्ज होंगे बयान

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रायपुर/बिलासपुर – भ्रष्ट्राचार मुक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को लेकर शुक्रवार का दिन राज्य की ढाई करोड की आबादी के लिए मील का पत्थर साबित होगा | दरअसल आज बिलासपुर हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पेश रिव्यू पिटीशन पर चर्चा-बहस होगी | दरअसल समाज कल्याण विभाग में हुए एक हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले पर राज्य सरकार ने संदिग्ध और आरोपी अफसरों की सहायता के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल किया था | इस रिव्यू पिटीशन को लेकर राज्य की जनता हैरत में है | यही नहीं राज्य की कांग्रेस का हाथ भ्रष्ट्र अफसरों के साथ देखकर अदालत का गलियारा भी गरमाया हुआ है | बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज राज्य के महाधिवक्ता को रिव्यू पिटीशन के मूल दस्तावेजों के साथ तलब किया है | यही नहीं भ्रष्ट्राचार की जड़ खोदने वाले याचिकाकर्ता कुंदन सिंह और उसके वकील देवर्षि ठाकुर के आज बयान दर्ज होंगे | याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अदालत में बयान दर्ज ना कराने को लेकर अज्ञात तत्व उसे धमकियां दे रहे है |   

अदालत आज उन मूल दस्तावेजों का अवलोकन करेगी , जो रिव्यू पिटीशन के लिए कागजी खानापूर्ति और औपचारिकता के तहत तैयार कर अदालत के पटल में रखा गया था | दरअसल याचिकाकर्ता ने भ्रष्ट्राचार के आरोप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को आरोपी बनाकर अदालत के कटघरे में खड़ा किया था | याचिकाकर्ता की ओर से छत्तीसगढ़ शासन को ना तो पार्टी बनाया गया और ना ही कांग्रेस सरकार पर कोई उँगलियाँ उठाई गई | हैरत करने वाली बात यह है कि बगैर क़ानूनी पक्षकार बने राज्य शासन ने अदालत में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी | ऐसे में लोगों के बीच संदेश गया कि भ्रष्ट्राचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार असल में भ्रष्ट्र अफसरों के साथ खड़ी है | अदालत में वो उन्हें सीबीआई की जांच से बचाने में जुटी है | आज अदालत में महाधिवक्ता की दलीलों पर लोगों की निगाहें रहेगी | दरअसल जनता यह जानना चाहती है कि भ्रष्ट्राचार की जांच कराने में सहयोग करने के बजाएं राज्य सरकार ने आखिर क्यों आरोपियों को बचाने के लिए रिव्यू पिटीशन का क़ानूनी दांवपेच खेला | बताया तो यह भी जा रहा है कि इस दांवपेच के चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भ्रष्ट्राचार के खिलाफ मुहीम को तगड़ा झटका लगा है | 

इससे पूर्व गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से दो दागी अफसरों क्रमश बीएल अग्रवाल और सतीश पाण्डेय को तगड़ा झटका देते हुए दोनों नौकरशाहों की रिव्यू पेटीशन खारिज कर दिया | उधर सुप्रीम कोर्ट से भी आरोपी अफसरों को कोई राहत नहीं मिल पाई | पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड एवं अन्य अफसरों ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने और घोटाले में अपना नाम घसीटे जाने को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी | गुरुवार को इस मामले के सुनवाई नहीं हो पाई | अब अगले हप्ते सुप्रीम कोर्ट इस पिटीशन पर गौर फरमाएगा | उधर सीबीआई ने अज्ञात अफसरों के खिलाफ अपराध दर्ज कर एक हजार करोड़ के घोटाले की जांच शुरू कर दी है | फिलहाल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की आज की कार्रवाई पर जनता की निगाहें लगी हुई है |