श्रीनगर वेब डेस्क / कश्मीर में इंटरनेट बैन को लेकर लगातार बयान आते रहे हैं लेकिन इंटरनेट पर लगी इस पाबंदी पर नीति आयोग के सदस्य और पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत ने ऐसा बयान दिया है , जिससे बवाल मचना लाजमी है | इंटरनेट पर लगी पाबंदी पर सारस्वत ने कहा, ‘अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा आप उस पर (इंटरनेट) कुछ भी नहीं करते हैं.’ सारस्वत के इस बेहुदा बयान की विपक्षी खूब निंदा कर रहे है |
दरअसल पाकिस्तानी ISI और आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया में भड़काऊ गतिविधियों में लिप्त रहने के चलते कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी | हालांकि प्रदेश सरकार और केंद्र इन सेवाओं की बहाली में जुटा है | पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही वहां इंटरनेट पर पाबंदी लगी हुई है | हालांकि हाल ही में प्रीपेड कॉल और एसएमएस और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू की गई हैं | कश्मीर के अस्पतालों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है |
यही नहीं वीके सारस्वत ने केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे को लेकर भी सवाल उठाए हैं | उन्होंने कहा, ‘राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे कश्मीर में भी दिल्ली की तरह सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को फिर से खड़ा करना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘राजनेता विरोध प्रदर्शनों को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं|’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के 36 मंत्रियों का 25 जनवरी तक जम्मू कश्मीर के दौरे का कार्यक्रम है | ये मंत्री सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों को आम लोगों के बीच पहुंचाएंगे | मंत्री घाटी की स्थिति का भी जायजा लेंगे | केंद्र सरकार के मंत्री जम्मू-कश्मीर में लोगों को उन कार्यक्रमों की जानकारी देंगे, जिन्हें सरकार ने 5 अगस्त को धारा 370 को निरस्त के बाद शुरू किया है |