रायपुर / राजधानी रायपुर के सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों में रैगिंग की घटना सामने आने के बाद प्रशासन ने छात्रों के हॉस्टल की ओर रुख किया है | इन हॉस्टलों के जायजे के पहले दौर में ही पता चला है कि हजारों की तादाद में भूतपूर्व छात्रों ने कई वर्षों से हॉस्टल में अपना डेरा डाला हुआ है | ऐसे भूतपूर्व छात्र कई वर्षों पहले पास आउट होकर काम धंधे से लग गए है , लेकिन हॉस्टल में अब भी उनका कब्जा है | कई नौकरीपेशा युवक ऐसे है जो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जूनियर छात्रों पर अपना दबाव बनाये हुए है | मौजूदा छात्रों पर प्रभुत्व जमाने के बाद वो हॉस्टल में डटे हुए है | बताया जाता है कि भूतपूर्व छात्र ना तो हॉस्टल किराया जमा करते है और ना ही नियमों कायदों से उनका कोई लेना देना है | चूँकि बाजार में मकान किराया और खाने पीने पर प्रतिमाह हजारों रूपये खर्च करने होते है , लिहाजा भूतपूर्व छात्रों ने हॉस्टल खाली करना कतई मुनासिब नहीं समझा | मौजदा छात्रों के मुताबिक उनके हॉस्टल पर आज भी भूतपूर्व छात्रों का कब्जा बरकरार है | वो यदा-कदा रैगिंग भी लेते है और उनके अनुसार उन्हें कार्य करना होता है | एक अनुमान के अनुसार अकेले रायपुर के विभिन्न सरकारी हॉस्टलों में अवैध रूप से रह रहे भूतपूर्व छात्रों की संख्या एक हजार से ज्यादा है | प्रशासन ने जब इन हॉस्टलों का रुख किया तो हालात जान कर वे भी आश्चर्य में पड़ गए |
रायपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के 55 हॉस्टल संचालित है , इनमे तकरीबन 3600 से ज्यादा छात्र-छात्रा रहते है | जिला प्रशासन को जानकारी मिली है कि इन हॉस्टलों में 550 से ज्यादा ऐसे लोग अवैध रूप से रह रहे है , जो सालों पहले अपनी पढाई पूरी कर चुके है | जायजा लेने वाले अधिकारियों के मुताबिक अवैध रहवासियों का यह प्राथमिक आंकड़ा है , इसकी संख्या अधिक भी हो सकती है | राजधानी रायपुर के दो हॉस्टलों में हुई रैगिंग की घटना के बाद अब जिला प्रशासन अनधिकृत रूप से हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सूची तैयार कर रहा है | समस्त हॉस्टल में अवैध रूप से रहने वाले लोगों का नाम चिन्हित करने के निर्देश छात्रावास अधीक्षकों को दिए गए है | छात्रावास अधीक्षकों ने अपर कलेक्टर को बताया कि कई बार अनधिकृत रूप से रहने वालों को बाहर करने की कोशिश की गई है | ऐसे में उक्त कथित छात्रों दौरा मारपीट की जाती है या फिर नेताओं से फोन करवा कर दवाब बनाया जाता है |
प्रशासन ने रायपुर के अपर कलेक्टर समेत सभी छात्रावास अधीक्षकों और विभाग के उपायुक्त को निर्देशित किया है कि वे छात्रावासों के लिए विभाग स्तरीय ऐंटी रैगिंग सेल का गठन करे | यह सेल हॉस्टल में हर माह निरीक्षण करे ताकि अवैध रहवासियों को वहां से चलता किया जाए | इसके आलावा जूनियर छात्रों की समस्याओं की रिपोर्ट बना कर जिला प्रशासन को अवगत कराया जाए |