नाबालिग बालिका से दुष्कर्म व नवजात शिशु को नाली में फेंकने के प्रकरण में आरोपी की पैरवी नहीं करने अधिवक्ता हुए लामबंद

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मनोज सिंह चन्देल /

राजनांदगांव । राजनादगांव शहर की बहुचर्चित नवजात शिशु को नाली में फेंकने की लोमहर्षक घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस द्वारा संलिप्तों को गिरफ्तार  कर न्यायालय में पेश करने एवं उन्हें जेल अभिरक्षा में रखे जाने के पश्चात राजनांदगांव जिला अधिवक्ता संघ की महिला अधिवक्ताओं ने आगे आकर अधिवक्ता  बंधुओं से प्रकरण में पैरवी नहीं करने  मांग की है | जिसे  वरिष्ठ एवं युवा अधिवक्ताओं का भी समर्थन मिला उसके प्रश्चात अधिवक्ताओं ने जिसमें पूर्व अध्यक्ष उमाकांत भारद्वाज, शारदा तिवारी, कुसुम दुबे, विनिता मदान, वर्षा श्रीवास्तव, रेवती चौधरी आराधना वर्मा, जया श्रीवास्तव, परवेज अख्तर, विपिन झा, नरेश शर्मा, मनमोहन तिवारी, योगेन्द्र प्रताप सिंह,कैलाश लहरी, विरेन्द्र मेश्राम, शरद खंडेलवाल, संतोष सिंह, सुषमा चौहान, अनुराधा दास, उमेश मिश्रा, धर्मेन्द्र मेश्राम, दिलीप साहू, महेश वर्मा, वीणा साहू, प्रतिभा गुप्ता लीला यादव, मीना तिवारी सहित बड़ी संख्या में  अधिवक्ताओं ने एक  हस्ताक्षरयुक्त पत्र जिला अधिवक्ता संघ राजनांदगांव को सौंपा है। 

जिला अधिवक्ता संघ की सदस्य कुसुम दुबे ने बताया कि नाबालिक बालिका के साथ  दुष्कर्म  एवं बालिका के गर्भवती होने पर डिलवरी कराकर नवजात शिशु को नाली में छोड़ दिया गया था | जिसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी |  नवजात शिशु के नाली में मिलने से स्टेशन पारा क्षेत्र में दहशत का वातावरण बन गया था | वार्ड वासियों ने थाने में गुहार लगाई जिससे पुलिस की तत्परता से  संलिप्तों को गिरफ्तार किया गया |   पुलिस के द्वारा किये जा रहे खुलासे से घटना में अमानवीय कृत्यों का खुलासा भी हो रहा है ,  जो साफ सुथरा समाज के लिए पीड़ादायक है | ऐसे घटना कारित करने वालों को अपराध प्रमाणित होने पर कठोर दंड मिलना चाहिए | 

जिला अधिवक्ता संघ की महिला अधिवक्ताओं ने पहल करते हुए जिला अधिवक्ता संघ राजनांदगांव के अध्यक्ष मनोज चौधरी एवं सचिव के.के. सिंह सहित कार्यकारिणी सदस्यों के समक्ष एक आवेदन इस आशय का प्रस्तुत किया कि ऐसे हृदय विदारक घटनाओं के संलिप्तों की ओर से कोई अधिवक्ता प्रकरण में पैरवी न करें |  जिस पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनोज चौधरी ने भी अपनी व्यक्तिगत सहमति जताते हुए कहा कि आप लोगो की मांग एवं आवेदन को जल्द ही अधिवक्ता संघ की आम बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय के लिए रखा जायेगा जिस पर उपस्थित अधिवक्तागणों ने भी अपनी सहमति व्यक्त की।