दिल्ली वेब डेस्क /
केंद्र सरकार ने वीआईपी लोगों की सुरक्षा से एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो को हटाने का फैसला लिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने और वीआईपी सुरक्षा में व्यापक कटौती की थी। दो दशक बाद आतंकवाद निरोधी विशिष्ट बल के कमांडो को वीआईपी सुरक्षा से हटाने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से करीब 450 कमांडो मुक्त हो जाएंगे। इनका इस्तेमाल देश के पांच ठिकानों को और सुदृढ़ करने में किया जाएगा।
सुरक्षा संस्था के अधिकारियों ने बताया कि एनएसजी की सुरक्षा ड्यूटी को जल्द ही अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया जाएगा। एनएसजी सुरक्षा प्राप्त वीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ और सीआईएसएफ को सौंपी जा सकती है जो पहले ही संयुक्त रूप से करीब 130 प्रमुख लोगों को सुरक्षा मुहैया कराती है। वहीं, एनएसजी आतंक रोधी काम पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह बल जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त 13 उच्च जोखिम वाले वीआईपी को सुरक्षा देता है। इसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस करीब दो दर्जन कमांडो हर वीआईपी के साथ होते हैं।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एनएसजी का मुख्य काम एंटी टेरर ऑपरेशन और विमान हाइजैक जैसी घटनाओं को रोकना है | लेकिन विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देना इस सीमित और स्पेशल फोर्स पर बोझ की तरह है | इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से यह फैसला लिया है | अधिकारी ने बताया कि इस फैसले के बाद अब एनएसजी के करीब 450 कमांडोज वीआईपी को सुरक्षा देने से मुफ्त हो जाएंगे और उन्हें फोर्स के मूल काम पर लगाया जा सकेगा |
हाल ही में CRPF को ऐसे पांच अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा सौंपी गई है जिन्हें पहले SPG कवर हासिल था | इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी से
लेकर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी शामिल हैं | इसके अलावा लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिड़ला की सुरक्षा भी इस बल के जिम्मे है | वहीं सीआईएसएफ पर राष्ट्रीय
सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को सुरक्षा देने की
जिम्मेदारी है |