छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यू-टर्न , शराब बंदी नहीं बल्कि पहले शराब छुड़ाने के अभियान की वकालत , छत्तीसगढ़ में शराब की रिकार्डतोड़ बिक्री से होने वाली ब्लैक एंड वाइट मनी से लड़खड़ाने लगा कांग्रेस का पार्टी घोषणा पत्र 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र अब लडख़ड़ाने लगा है | इसके पीछे कारण जो भी हो लेकिन राज्य में शराब बंदी का वादा पार्टी घोषणा पत्र में जारी होने के बावजूद सरकार की प्राथमिकता सूची में इसे अब तक शामिल नहीं किया गया है | इसका खुलासा गुरुवार को कबीर पंथ के एक कार्यक्रम में हुआ | इस कार्यक्रम में शिरकत करने सूबे के मुखिया भूपेश बघेल खासतौर पर पहुंचे थे | कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने शराब बंदी की मांग उठाई थी | मुख्य आसंदी में जब भूपेश बघेल उपस्थित हुए तब एक बार फिर उनके समक्ष यह मांग उठाई गई | कबीर पंथ के गुरु प्रकाशमुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री से शराब बंदी का वादा पूरा करने को कहा | गुरु प्रकाशमुनि ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब बंद किया जाना चाहिए , शराब समाज के लिए सबसे घातक है |  समाज को विभिन्न प्रकार की कुरीतियों से बचाने नशा बंदी होनी चाहिए | उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर गौर फरमाते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से ध्यान और शराबबंदी का अपना वादा पूरा करे | 

उधर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माइक अपने हाथ में संभाला तो लोगों को किसी बड़े ऐलान का इंतजार था | लेकिन शराब बंदी की मांग करने वालों के अरमानों पर पानी फेरते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसी गुगली डाली कि लोग देखते ही रह गए | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने जो वादा किया उसे अवश्य पूरा करेंगे | शराब बंदी छत्तीसगढ़ में की जाएगी |  लेकिन उससे पहले एक सामाजिक जागरण अभियान चलाया जाएगा |  उनके मुताबिक इसमें समाज के नेतृत्व करने वाले सभी प्रबुद्ध वर्गों को आना होगा | धर्मगुरुओं को आगे आना होगा | उनके साथ मिलकर भी हम नशाबंदी का अभियान चलाएंगे | उन्होंने अंदेशा जाहिर किया कि एका-एक शराबबंदी कर देंगे तो कच्ची-कच्ची शराब की बिक्री होने लगेगी | मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि समाज के हर वर्ग को सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करना चाहिए | 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शराब बंदी को लेकर इस बयान से राजनैतिक गलियारा भी गरमा गया है | राजनीति के जानकार इसे मुख्यमंत्री का यू-टर्न बता रहे है | दरअसल कांग्रेस के घोषणा पत्र में शराब बंदी का जिक्र साफतौर दर्ज है | लेकिन शराब बंदी कब होगी इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है | यही नहीं पार्टी घोषणा पत्र में शराब बंदी लागू करने के पूर्व शराब छोड़ो अभियान संचालित करने का कोई जिक्र भी नहीं है | लिहाजा लोगों को उम्मीद थी कि पार्टी घोषणा पत्र के वायदे के अनुरूप साल भर के भीतर शराब बंदी लागू कर दी जाएगी | लेकिन अब स्थिति साफ़ हो रही है।  सरकार शराब बंदी से पूर्व शराब छुड़ाने के अभियान का आगाज करने जा रही है | हालांकि ऐसा अभियान प्रदेश में कोई नई बात नहीं है | पिछले 10 सालों से राज्य के तमाम जिलों कस्बो में शराब बंदी अभियान जोर-शोर से चल रहा है | कई सामाजिक , धार्मिक और स्वयं सेवी संस्थाए मैदानी स्तर पर इस अभियान का झंडा डंडा लेकर शराबियों को सबक भी सिखा रही है | ऐसे में सरकार का नया शराब छोड़ो अभियान कितना कारगर , प्रभावी और कितनी अवधि का रहेगा यह अध्ययन का विषय है | फ़िलहाल तो शराब से अर्जित होने वाला राजस्व प्रदेश के खजाने में रिकार्डतोड़ आमदनी दर्ज कर रहा है | आबकारी महकमे में  शराब की वैध-अवैध कमाई के चर्चे भी जोरो पर है | बहरहाल उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकर लोगों के सपने साकार कर रही है , उसी तरह से समय आने पर शराब बंदी भी लागू होगी |