साहब के धंधे में गैंगवार के आसार ? प्रशासनिक अफसर और हत्या के मुजरिम की गिरोहबाजी से सकते में ठेकेदार, प्रदेश में रेत की कीमत तो घटी नहीं, अवैध खनन जोरो पर 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में साहब के धंधे में गैंगवार के आसार बढ़ गए है | दरअसल नान घोटाले में सुर्ख़ियों में रहे एक विवादित प्रशासनिक अधिकारी और जग्गी हत्या कांड में शामिल एक मुजरिम प्रदेश भर के ठेकेदारों को रेत के ठेको में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की हिदायत दे रहे है | मुजरिम तो फ़ोन कर बाकायदा ठेकेदारों को दावा कर रहा है कि यह धंधा तो साहब का है, वो तो मात्र मुखौटा भर है | उधर यह विवादित प्रशासनिक अधिकारी भी जिला कलेक्टरों को फ़ोन कर बाकायदा इस मुजरिम के फरमानो को अमलीजामा पहनाने में तुला है | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ को एक पीड़ित रेत ठेकेदार ने ऑडियो बातचीत उपलब्ध कराई है,जिसमे यह मुजरिम दावा कर रहा है कि उसे भी भागीदार बनाया जाये,वर्ना वे काम नहीं कर पाएंगे | दरअसल राज्य में रेत ठेकों के उपरांत प्रभावशील तत्व उन ठेकेदरों पर पार्टनरशिप के लिए दबाव बना रहे है, जिन्हे मुख्य घाट हासिल हुए है | इसके लिए साहब के नाम का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है | हालांकि साहब को जानने वाले नेताओं और अफसरों का दावा है कि उनकी कार्यप्रणाली कतई ऐसी नहीं है | यह तथ्य उनके संज्ञान में आया ही नहीं वरना उनके नाम का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती | फ़िलहाल अनावश्यक पाटर्नशिप को लेकर ठेकेदार और मुजरिम गिरोह के बीच रस्साकसी जारी है , अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि यह गैंगवार का रूप ना ले ले | बहरहाल इस कोटरी के गैर क़ानूनी कदमों के चलते ज्यादातर रेत घाटों में अवैध उत्खनन भी जोरो पर है | खनिज विभाग जहां इस पर रोक लगाने में ना कामयाब साबित हुआ है | वहीँ परिवहन विभाग के अफसर प्रत्येक डंफर से तीन हजार रूपये प्रति ट्रिप वसूल रहे है |  

रायपुर समेत कई जिलों में ठेकों के बावजूद रेत की कीमतों में ना तो कमी आई है और ना ही अवैध परिवहन बंद हो पाया है | राजधानी होने के बावजूद रात होते ही जिले की सभी रेत घाटों में अवैध खनन तेज हो जाता है | इसके आलावा रेत घाट से जुड़े तमाम मार्गो में हाईवा और ट्रको से अवैध परिवहन धड़ल्ले से जारी है | जिले में 9 रेत घाटों का ठेका होने के बाद भी रायपुर शहर में एक हाईवा रेत की कीमत 12 से 15 हजार रुपए है | जबकि विभागीय रेट नियमानुसार 6 से 7 हजार रुपए होना चाहिए | बताया जा रहा कि रेत घाटों में लोडिंग के लिए अवैध रूप से  4 से 5 हजार रुपए वसूले  जा रहें है | वाहन मालिकों के मुताबिक उन्हें रॉयल्टी पर्ची भी नहीं दी जाती है |उन्होंने बताया कि इस उगाही से जहाँ जनता परेशान है वही शासन को राजस्व क्षति भी हो रही है |

शिकायतकर्ताओं के मुताबिक खनिज विभाग की टीम यदि कभी जांच में निकलती भी है तो परिवहन करने वाले वाहनों पर सिर्फ रॉयल्टी चोरी का प्रकरण बनाया जाता है |यही नहीं अवैध उगाही के लिए खनिज और परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोड वाहनों पर एक पक्षीय कार्रवाई कर गाड़ी मालिकों को जुर्माने से बचाया जाता है, इससे भी प्रतिमाह शासन को करोड़ों रुपए की क्षति हो रही है |

 बताया जाता है कि खनिज विभाग द्वारा पकड़ी गई ओवरलोड गाड़ी की रॉयल्टी चोरी की कार्रवाई पूरी करने के बाद नियमानुसार प्रकरण को परिवहन विभाग को सौपा जाना चाहिए | इस संबध में आदेश कलेक्टर द्वारा पूर्व में दिये जा चुके है | ऐसा ही आदेश परिवहन विभाग को भी दिया गया है |लेकिन दोनों विभागों में बिल्कुल तालमेल नहीं होने के चलते नियम का पालन नहीं हो रहा है | यह भी बताया जा रहा है कि पिछले दिनों खनिज विभाग द्वारा पकड़ी गई 59 गाड़ियों को अलग -अलग थाने में सुपुर्द किया गया था | लेकिन सुनियोजित रूप से हाइवा और ट्रकों को थानों से छोड़ दिया गया |बताया जाता है कि इसके लिए हर गाड़ी का रेट तय है | रोजाना लगभग सभी थानों के सामने से सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड गाड़िया रेत समेत अन्य खनिज का अवैध परिवहन कर रही है | लेकिन उनके खिलाफ परिवहन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है | आखिर क्यों ? जनता सब जानती है | जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग के अधिकारी ओवरलोड प्रति गाड़ी 3000 की वसूली कर रहे है |  हालांकि रायपुर खनिज विभाग में पदस्थ उप संचालक हरकेश मरवाह का दावा है कि उनकी टीम दिन रात गश्त कर खनिज का अवैध परिवहन कर रहे वाहनों को पकड़ रही है |