भोपाल वेब डेस्क /
मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल में फूटे हनीट्रैप ने एक बार फिर सियासी पारा गरमा दिया है | हनीट्रैप में शामिल लड़कियों के गैंग के साथ मस्ती मार रहे कई ओएसडी और पीए की शिनाख्ती और पहचान जाहिर होने के बाद राज्य मंत्री मंडल में खलबली मच गई है | मंत्रियों को अब अपनी साख और इज्जत बचाए रखने के लिए उन ओएसडी और पीए को हटाने का फैसला लेना पड़ा है , जो इसके दायरे में आए है |
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दो मंत्रियों ने अपने ओएसडी और पीए को हटाने को कहा है | एसआईटी के चालान में खाध मंत्री प्रघुम्र सिंह तोमर के ओएसडी हरीश खरे और खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के ओएसडी अरुण निगम का नाम सामने आया है | पीड़िता ने अपने बयान में दोनों ओएसडी का नाम लिया है | उसने यहाँ तक कहा है कि इस दोनों ने शराब पीकर उसका शारीरिक शोषण किया था | हनी ट्रैप में शामिल लड़कियों के ऐसे बयानों के बाद मंत्रियों ने इन्हे इनके मूल विभाग में लौटाने के लिए सरकार को कहा है | उधर जीएडी ने एसआईटी से जानकारी मांगी है कि पीड़िता ने एसीएस पीसी मीणा के बारे में जो 20 लाख देने का जिक्र किया है, उससे जुड़े तथ्य उपलब्ध कराएं | जीएडी के इस रुख से आने वाले दिनों एसीएस पीसी मीणा मुश्किल में पड़ सकते है | फ़िलहाल हनीट्रैप को लेकर पीसी मीणा को राज्य सरकार नोटिस थमाने की तैयारी में है |