गेंदलाल शुक्ला /
कोरबा / छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला के कटघोरा वन मण्डल में शुक्रवार की सुबह एक जंगली हाथी को वन विभाग के अमले ने मौत के घाट उतार दिया | यह हाथी पिछले 48 घंटो से दलदल में फंसा हुआ था। वन विभाग के गैर पेशेवर कर्मी उसका रेसक्यू करने के लिए जेसीबी मशीन के साथ जंगल में पहुंचे थे | वन मंडल कटघोरा के केदई रेंज के तहत ग्राम पंचायत कुल्हरिया में इस हाथी को निकालने की कवायत दिनभर चलते रही | स्थानीय ग्रामीणों ने गुरूवार को इस हाथी के दलदल में फंसे होने की सूचना वन विभाग को दी थी | हाथी के क़दमों की तर्ज पर वन विभाग ने पीड़ित हाथी को दलदल से बाहर निकालने के लिए इतना ठोस कदम उठाया कि हाथी की जान पर बन आई | वन विभाग के उड़नदस्ते की टीम मौके पर पहुंची और उसने बगैर सूझबूझ के दलदल में फंसे हाथी को बाहर निकालने का प्रयास किया। गैर पेशेवर तरीके से रेस्क्यू को अंजाम देने और मौके पर वरिष्ठ अधिकारियो की गैरमौजूदगी के चलते पीड़ित हाथी और मुसीबत में जा घिरा | आधी अधूरी तैयारी के साथ जंगल में पहुंची रेस्क्यू टीम ने अंधेरा होते ही रेसक्यू आपरेशन रोक दिया | उसकी दलील थी कि आसपास और भी हाथी मौजूद हो सकते है | शुक्र वार की सुबह वन विभाग का अमला जब मौके पर पहुंचा तब तक जंगली हाथी की मौत हो चुकी थी।
उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले पाली के जंगल में एक हाथी के पहाड़ से गिरने से मौत हो गई थी। ठीक सप्ताह भर बाद यह दूसरी बड़ी घटना है। इसके पूर्व कोरबा के कई इलाकों में हाथियों के कभी शिकार तो कभी बेमौत मारे जाने की घटनाएं सुर्ख़ियों में रही है | इस इलाके में हाथियों और इंसानो के बीच संघर्ष चरम पर है | ग्रामीणों ने बताया कि लगभग एक माह से पाली कुल्हरीया पीपलडाड, पनगवा, बगबुडी, झिनपुरी, बुडापारा, कुरथा आदि गांवों में हाथियों ने डेरा डाल रखा है जिसके कारण लोग रतजगा करने को मजबूर है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी है। फ़िलहाल वन विभाग वरिष्ठ अफसर हाथी की मौत को लेकर अपना मुँह खोलने को तैयार नहीं है | जबकि मैदानी अमला क़ानूनी खानापूर्ति करने में जुटा है |
