बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर आमने-सामने आ सकते है केंद्र और राज्य , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हम चलाएंगे प्लांट |   

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के बस्तर में NMDC के नगरनार स्टील प्लांट के निर्माण के पूरा होने से पहले ही उसे बेचे जाने की खबरों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांग की है कि यदि केंद्र सरकार राज्य में बन रहे नगरनार इस्पात संयंत्र को चलाने में असमर्थ है ,  तो वह इसे राज्य  सरकार को सौंप दे | बघेल ने यह बात संयंत्र के पूरा होने से पहले उसे बेचने के फैसले से जुडी एक खबर के खुलासे में कही | उन्होंने कहा कि संयंत्र बेचे जाने का यह फैसला बिल्कुल भी समझदारी वाला नहीं है |उनके मुताबिक संयंत्र को 20,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है और अब इसका निजीकरण किया जाएगा | 

बघेल ने साफतौर पर कहा कि नगरनार प्रोजेक्ट को निजीकरण के लिए जमीन नहीं दी गई थी | मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह जमीन जनजातियों की है | उन्होंने यह जमीन यह सोचकर दी थी कि सार्वजनिक उद्योग यहां आएगा और लोगो को रोजगार मिलेगा | उनके मुताबिक निजीकरण के लिए यह जमीन नहीं दी गई थी | उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस फैसले के खिलाफ है और यदि केंद्र नगरनार संयंत्र को नहीं चला सकता है तो वह इसे राज्य सरकार को दे सकता है | बघेल ने कहा -जब एनएमडीसी इस संयंत्र के साथ बेहतर काम कर सकती है तो इसे बेचने की क्या जरूरत है | उन्होंने दोहराया कि छत्तीसगढ़ में एनएमडीसी की खदानों के खनन पट्टों के नवीनीकरण को 30 वर्षों तक की मंजूरी दी गई है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान के बाद अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले को लेकर केंद्र और  राज्य के बीच टकराव की स्थिति उतपन्न हो सकती है |