छत्तीसगढ़ में PWD के भ्रष्ट्राचार की गंगा में बीजेपी के बहने के बाद कांग्रेस की गोताखोरी , फ्लाई ओवर , सड़कों और भवनों के बाद 70 लाख का ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक उद्घाटन से पहले जर्जर , भ्रष्ट अफसरों पर कब होगी कार्रवाई ?  

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रायपुर / अब खबर आ रही है कि रायपुर में उद्घाटन से पहले ही परिवहन विभाग का ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक उखड़ गया है | छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासनकाल में निर्मित सड़कों से लेकर सरकारी भवनो और अन्य निर्माण कार्यों की पोल अब खुलने लगी है | कांग्रेस को सत्ता में आए सालभर भी पूरा नहीं हुआ है कि निर्माण कार्यों की जर्जर स्थिति सामने आने लगी है | PWD , ADB  और PMGSY की घटियां सड़कों के खुलासे के बाद अब रायपुर के  पंडरी स्थित परिवहन कार्यालय में 70 लाख की लागत से बनाया गया ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक भी जगह जगह से उखड़ गया है | गौरतलब है कि इस ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का अभी उद्घाटन  भी नहीं हुआ है | ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि इसके निर्माण के दौरान गुणवत्ता का कितना ख्याल रखा गया होगा | बताया जाता है कि PWD , ENC डी.के अग्रवाल और विभागीय सचिव अनिल रॉय की कार्यप्रणाली के चलते प्रदेश में घटियां निर्माण कार्यों की बाढ़ आ गई है | इस बाढ़ में पहले बीजेपी बह चुकी है , लेकिन अब बारी कांग्रेस की है | दरअसल घाटियां फ्लाई ओवर , सड़कों  और भवनों के निर्माण को लेकर दोनों ही अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई नहीं होने से ठेकेदारों के हौसले बुलंद है | ऐसे में कांग्रेस शासनकाल में भी PWD के अफसरों की कार्यप्रणाली ठीक जस की तस है , जैसे कि बीजेपी शासनकाल में थी | कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के छह माह बाद रायपुर के परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण हुआ और कांग्रेस सरकार की पहली वर्षगांठ से पहले ही जर्जर हो गया | लिहाजा कहा जा रहा है कि PWD के भ्रष्ट्राचार की गंगा में पहले बीजेपी बही , लेकिन अब बारी कांग्रेस की है |   

परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए आने वाले आवेदकों का नियमानुसार ट्रायल लेने के लिए किया गया था | परिवहन विभाग की मांग पर पीडब्ल्यूडी ने ट्रैक निर्माण, सेंसर, केबिन और बाउंड्री निर्माण कार्य का ढाई साल पहले 4 करोड़ में टेंडर जारी किया था | ट्रैक निर्माण का कार्य राजधानी के ठेकेदार शांतिलाल जैन ने पीडब्ल्यूडी के माध्यम से लिया था | उन्होंने चार माह पूर्व ट्रैक का निर्माण कराकर परिवहन अधिकारीयों को हैंडओवर कर दिया और पीडब्ल्यूडी से भुगतान भी ले लिया है | लेकिन निर्माण के फौरन बाद ही यह ट्रैक जर्जर हो गया | पहली बारिश में ही ट्रैक की डामर और गिट्टियां उखड़ने लगी | बताया जाता है कि PWD विभाग के ENC और सेतु निगम के एमडी की सांठगाठ और विवादित कार्यप्रणाली से प्रदेशभर में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है | घटियां निर्माण कार्यों के बावजूद किसी भी तरह की जाँच ठेकेदारों के खिलाफ नहीं की जाती है | अलब्बता उन्हें नए ठेके सौंप दिए जाते है | उधर ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने वाले ठेकेदार शांतिलाल जैन की दलील है कि ट्रैक पर गाड़ियां नहीं चलने की वजह से डामर निकल रहा है | उनका यह भी कहना है कि एक करोड़ की लागत वाले कार्य को उन्होंने सत्तर लाख में किया है |