बेमेतरा / छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एक गर्भवती महिला का घर खुशियों से सराबोर था | घर के तमाम सदस्य नए मेहमान की जोरदार खातिरदारी करने के लिए तैयारियां कर रहे थे | नाते रिश्तेदारों को भी नए मेहमान के जल्द आने के सूचना दी गई थी | लेकिन जब परिजन इस गर्भवती महिला को एक नर्सिंग होम ले गए , तब सोनोग्राफ़ी में आई रिपोर्ट देखकर उनके पैरो तले जमीन खिसक गई | महिला के पेट में गर्भ नहीं बल्कि एक बड़ा ट्यूमर था | डॉक्टरों ने पूरे मेडिकल चेकअप के बाद इस पीड़ित महिला को बड़े अस्पताल में रिफर कर दिया | यहां इस महिला का ऑपरेशन हुआ | डाक्टरों के मुताबिक इस महिला के पेट से 10 किलों का ट्यूमर निकला है | महिला खतरे से बाहर बताई जा रही है | नर्सिंग होम संचालक ने पीड़ित दंपत्ति की खराब माली हालत को देखते हुए मुफ्त ऑपरेशन किया |
बताया जाता है कि 32 वर्षीय पीड़ित महिला गूंगी है | वो बोल नहीं पाती , सिर्फ इशारों से ही बातचीत करती है | अपने पति को उसने हद से ज्यादा बढ़ रहे पेट के बारे में बताया | पति को अपनी पत्नी के गर्भवती होने का एहसास हुआ | उसने यह शुभ समाचार अपने परिजनों को बताया | गर्भवस्था का जब छठवा माह आया तब इस दंपत्ति ने इलाके के डाक्टरों का रुख किया | स्थानीय डाक्टरों ने पीड़ित महिला को रेडियोलॉजिस्ट के सोनोग्राफी सेंटर में रिफर कर दिया | इसके उपरांत आई सोनोग्राफी की रिपोर्ट से जब महिला के परिजन वाकिफ हुए तो वे हैरत में पड़ गए | उन्होंने फौरन एक निजी नर्सिंग होम का रुख किया | घबराये दम्पत्ति की माली हालत खराब होने के बावजूद प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक ने उनका मुफ्त इलाज करने का बीड़ा उठाया | डॉक्टर बृजेश पटेल के मुताबिक दो घंटे से अधिक समय तक इस ऑपरेशन में 10 किलों वजन का ट्यूमर निकला है | उन्होंने बताया कि आमतौर पर आधा किलों से लेकर पांच किलों तक के ट्यूमर समान्यतः पाए गए है | लेकिन अपने कैरियर में उन्होंने पहली बार इस महिला ऑपरेशन कर 10 किलों से अधिक वजन का ट्यूमर निकाला है | उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कामयाब रहा |
