उम्र के इस मोड़ में भी अभिनेत्री आशा पारेख की खूबसूरती चर्चा में , विधान सभा में आशा पारेख की खूबसूरती का खुला राज , आशा पारेख  46 साल से पी रही है बस्तर का अमारी पाउडर | 

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रायपुर / छतीसगढ़ विधान सभा का शीतकालीन सत्र जन कल्याणकारी  मुद्दों के साथ साथ फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख की खूबसूरती के राज के खुलासे के साथ संपन्न हो गया | यह पहला मौका था जब सदन में किसी फिल्म अभिनेत्री की खूबसूरती चर्चा का विषय बनी | विधान सभा अध्यक्ष ने सदन में इस अभिनेत्री की तारीफ में कशीदे गढ़े , उन्होंने बताया कि बस्तर में पैदा होने वाली अमारी भाजी के पाउडर से सेहत दुरुस्त रहती है | उन्होंने इसकी कई खूबियां गिनाई |

 विधान सभा में बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रो मे उगने वाला एक सामान्य सा पौधा हिंदी सिनेमा जगत के कई कलाकारों के खानपान का अभित्र हिस्सा बना हुआ है | विधनसभा मैं चर्चा के दौरान अध्य ड़ॉ चरणदास महंत ने सोमवार को बताया ,अमरी का जो पाउडर है ,उसमे बहुत ज्यादा ठंडक होती है | इसे गर्मी के मौसम में पीते है , उनके मुताबिक  कम से कम 40 साल से आशा पारेख के लिए बस्तर से अमारी का कुटा हुआ पाउडर उनके घर जाता है |

 ड़ॉ मंहत ने बताया ,उन्हें करीब 30 वर्षो से इसकी खूबियों की जानकारी है | उनके मुताबिक आशा ,शूटिंग के लिए सालों पहले बस्तर आई थीं तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम ने उन्हे यह पिलाया था | तब से वह लगातार इसे पीती है | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने भी इसकी खूबियों को लेकर पूर्व कंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम से बातचीत की | उन्होंने बताया कि  , यह किस्सा 40 वर्ष से अधिक पुराना है | 1973 के दौर में आशा पारेख  उनके दिल्ली स्थित निवास पर पंहुची  थी |  उन्होंने अमारी ,चिरौजा और तिखुर का पेय उन्हें पिलाया था | नेताम के मुताबिक यह पेय आशा जी को इतना अच्छा लगा कि बाद मे वे मुझसे अमारी ,चीरोजा और तीखुर का पाउडर मांगने लगीं | 

वो बताते है कि यह सिलसिला आज भी जारी है | वे जब भी कहती है , पाउडर उनके मुंबई स्थित घर पर अथवा जहां वे मांगती है , भिजवाता हूँ | पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम के मुताबिक जब वे केन्दीय शिक्षा और संस्कृति मंत्री थे तब दिल्ली स्थित घर पर उन्होने मेहमानो को कोल्डडिंक कभी नहीं परोसा | उन्होंने हमेशा मेहमानो को बस्तर का यही पेय पिलाया था | उन्होंने बताया कि इसका वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस केनेबिनस है | यह भिंडी कुल का पौधा है | छतीसगड़ मे इसका मुख्य उपयोग भाजी के रूप मे होता है | इसका एक विशष्ट खटास वाला स्वाद है |