छत्तीसगढ़ : कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता को फोन टेपिंग संबंधी इंटेलिजेंस के गोपनीय दस्तावेज लीक करने वाले दागी अफसर की शिनाख्ती निर्णायक मोड़ पर , कड़ी कार्रवाई के आसार | 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ पुलिस की ख़ुफ़िया शाखा अब अपने ही गिरेबान में झाक रही है | उसे उस अफसर की तलाश है , जिसने कई गंभीर मामलों के आरोपी मुकेश गुप्ता को फोन टेपिंग संबंधी अति गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराये थे | सूत्र बता रहे है कि पखवाड़े भर तक चली गहन जांच अब निर्णायक मोड़ पर है | जांच टीम ने वो कड़ी जुटा ली है , जिसके जरिये खुफियां दस्तावेज आरोपी मुकेश गुप्ता तक पहुंचाए गए थे | बताया जाता है कि फोन टेपिंग संबंधी खुफियां दस्तावेज आरोपी मुकेश गुप्ता के हाथों तक पहुंचाने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी | उन्होंने दागी अफसर की शिनाख्ती और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है | यह पहला मौका है जब खुफियां विभाग को कोई दस्तावेज गोपनीयता भंग करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे थे | बताया जाता है कि दस्तावेज लीक करने के मामले में वरिष्ठ अफसरों की भूमिका भी जांची परखी जा रही है | हालांकि प्रारंभिक जांच में रायपुर रेंज के आईजी के दफ्तर को खंगाला गया है | इसके उपरांत शक की सुई एक महिला पुलिस अफसर पर टिक गई है |  

सूत्र बता रहे है कि पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रायपुर रेंज ने गोपनीय दस्तावेज को लेकर कितनी गोपनीयता बरती , इसका परीक्षण किया गया है | सूत्रों के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता से करीबी ताल्लुख रखने वाली एक महिला पुलिस अधिकारी की गतिविधि भी इस मामले में संदिग्धता के घेरे में आई है | बताया जाता है कि पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण शाखा में तैनात P – TEL  नामक अफसर ने इस महिला अधिकारी को यह गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराया था | सूत्र बता रहे है कि इस गोपनीय दस्तावेज को दिल्ली में निवासरत एक शख्श की ई-मेल आईडी में पहले मेल किया गया | इसके उपरांत हाथो हाथ मूल दस्तावेज की प्रतिलिपि आरोपी मुकेश गुप्ता को उपलब्ध कराई गई | दो अलग-अलग कड़ियों में शुरू की गई यह जांच अब निर्णायक स्थिति में बताई जा रही है | सूत्र बता रहे है कि ख़ुफ़िया विभाग की गोपनीयता भंग करने वाला शख्स जल्द ही बेनकाब होगा | 

उधर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई भी निर्णायक मोड़ पर आ गई है | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के फोन टेपिंग को लेकर राज्य सरकार की ओर से पेश हलफनामा तथ्यात्मक रूप से काफी ठोस बताया जा रहा है | सूत्रों के मुताबिक फोन टेपिंग की नियमानुसार प्रक्रिया अपनाए जाने और उसकी जरूरत पर दिया गया जोर यदि कारगर साबित हुआ तो आरोपी मुकेश गुप्ता के अरमानों पर पानी फिर सकता है | अन्यथा अवैध फोन टेपिंग करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से गाज भी गिर सकती है | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के वकीलों ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेश  हलफनामे की तोड़ निकालने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है | लेकिन अभी उन्हें आशानुरूप कामयाबी नहीं मिल पाई है | फ़िलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में दागी अफसर के खिलाफ होने वाली कार्रवाई का खाका भी खिंचा जा रहा है |