रायपुर | बिलासपुर स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व में अवैध कटाई और जानवरों के अवैध शिकार का मामला विधानसभा में जमकर गूंजा | मामले की गंभीरता को देखते हुए वन मंत्री को तुरंत ही विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित करने की जानकारी देना पड़ा | निलबित अफसरों में उपसंचालक संजय लूथरा और मानस राय समेत एक अन्य अफसर शामिल है | विधानसभा में विधायक सौरभ सिंह ने अचानकमार वन्य अभ्यारण में वन्य प्राणियों के अवैध शिकार का मामला जोरशोर से उठाया था । इसके जवाब में वन मंत्री ने कहा कि कोई अवैध शिकार की घटना नहीं हुई है । इस वर्ष अब तक एक ही प्रकरण दर्ज किया गया है । इसमें संलिप्त दोषियों पर कार्रवाई भी की गई है । वन मंत्री ने कहा कि यह मामला गंभीर है इसलिए कार्रवाई की गई है ।
वन मंत्री मो. अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बाघ के शिकार की कोई भी घटना टाइगर रिजर्व में संज्ञान में नहीं आई है | उन्होंने बताया कि रिजर्व में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिकों द्वारा नियमित पेट्रोलिंग की जाती है | यहाँ 5 वॉच टावर में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा सतत निगरानी की जाती है | उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर रिजर्व में पदस्थ अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई रोकने नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है | इसके लिए वन रक्षकों को रोजाना मॉनिटरिंग के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध कराया गया है |
सदन में प्रदेश में वन्य जीवो की स्थिति का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि 2014 में 49 शेर थे | 2018 में 19 शेर हो गए जबकि टाइगर कंजर्वेशन के लिए 49 करोड़ रुपए खर्च हुआ | उन्होंने कहा कि इस अवधि में बाघों के संरक्षण के लिए उच्चाधिकारी पोस्ट किए गए | जोगी के मुताबिक प्रदेश में ऐसे बहुत से अधिकारी हैं जिन्हें वन्य जीव की जानकारी है, उनसे प्यार करते हैं | लिहाजा टाइगर रिजर्व सेंचुरी में ऐसे अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए | उन्होंने प्रदेश में टाइगर की घटती संख्या को लेकर चिंता जाहिर की |