
गेंदलाल शुक्ला
कोरबा | छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में पदस्थ जिम्मेदार अफसरों को अब सुबह सुबह उठाना पड़ रहा है ,लेकिन सैर सपाटे के लिए नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए | दरअसल सरकार के विभिन्न पदों पर तैनात अफसरों की जिम्मेदारी भी तय है | लेकिन लंबे अरसे से अफसरशाही अपने मूल कर्तव्यों से लगतार दूर होते जा रही है | हाल ही में चीफ सेक्टरी क्ले पद पर आरपी मंडल की नियुक्ति के बाद नौकरशाही की नींद हराम हो गई है | ख़ास कर मिलभुत सुविधाओं का निर्वहन करने वाले अफसरों की नींद उडी हुई है | अब उन्हें सुबह होते ही खाट छोड़नी पड़ रही है | मामला यह तक भी सिमित नहीं है , उन्हें मैदानी इलाको में रुख करना होता है | खासकर ऐसे इलाको में जहां गंदगी का आलम है | सड़के नदारद है ,लोगो को पीने के पानी से लेकर स्वास्थ्य सुविधाए मुहैया नहीं हो पा रही है | ऐसी ही समस्याओ के निराकरण के लिए अफसरों को अपने सहभागिता दर्ज करनी पड़ रही है | कोरबा में अलसुबह दो आईएएस अफसरों को सड़क पर देखकर लोग हैरत में पड़ गए | इनमे से एक जिले की कलेकटर किरण कौशल थी तो दूसरे निगम आयुक्त राहुल देव | दोनों ही अधिकारियों ने अपने कर्तव्य स्थल में मुलभुत सुविधाओं का जायजा लिया | अफसरों की सक्रियता को देखकर विभागीय अमला भी हरकत में आते दिखाई दिया | इस बीच यह चर्चा आम हो चली है कि भविष्य में भी जिम्मेदार अफसर ऐसे ही सड़को पर नजर आएंगे या फिर अपने एयर कंडीशंड ऑफिस पर |
जिला कलेक्टर किरण कौशल और निगमायुक्त राहुल देव के साथ प्रशासनिक और निगम अमला यहां से शहर की स्वच्छता का जायजा लेने निकला हुआ था । लेकिन यह निरीक्षण किसी बंद गाड़ी से नही किया गया बल्कि जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त दोनो ने दुपहिया की सवारी की और फिर शहर के अलग अलग हिस्सों में पहुंचकर सफाई का मुआयना किया । खुद कौशल और राहुल देव स्कूटी में नजर आए जबकि उनके पीछे पूरा अमला मौजूद रहा । निगम के कमिश्नर ने बताया की शहर की स्वच्छता रैंकिंग को सुधारने और लोगो मे सफाई के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से यह मुआयना किया जा रहा है ।