
उपेंद्र डनसेना
रायगढ़। लारा संघर्ष के युवाओं ने छत्तीसगढ़ सरकार सहित भू-विस्थापितों को गुमराह करने का आरोप एनटीपीसी पर लगाते हुए कहा है कि सन 2011-12 के प्रशासनिक अनुबंध के अनुसार 100 करोड़ रुपये मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देने हेतु कहा गया था जो कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शासकीय मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में खोलने के लिये अनुदान के रूप में था जिसमें प्रभावितों ओर भू-विस्थापितों के परिवारजनों के मुफ्त में इलाज के उद्देश्य से था ।
लारा-संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ सरकार को एनटीपीसी ने वर्ष 2011-12 में यह अनुदान के रूप में रायगढ़ में मेडिकल कॉलेज को 100 करोड़ रुपये देगी जो कि अब तक 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी एनटीपीसी ने नही दिया जिसकी भरपाई को इस उद्योगिक कम्पनी से बैंक ब्याज दर से ब्याज सहित वसूलना चाहिए। एनटीपीसी रायगढ़ को चारागाह बनाने पर तुली हुई है न तो किसान हित में काम कर रही है और न ही जनहित में। ऐसी कंपनियों को रायगढ़ जिले का दोहन करने के मामले में सामेकित रूप से जांच होनी चाहिए जिसमें शासकीय, सामाजिक और कृषि समीक्षकों जैसे प्रतिनिधियो की नियुक्ति कर पूर्ण समीक्षा करवाना चाहिए जिसमें योजना प्रभावितों के परिजनों का कार्ड भी नही बनवाना की जांच होनी चाहिए तदोपरांत एनटीपीसी कम्पनी पर न्यायिक और दण्डात्मक कार्यवाही होनी चाहिए ।
क्षेत्र के भू-विस्थापितों की ओर से आरोप लगाया गया है कि एनटीपीसी प्रबंधन न तो भू-विस्थापितों को उनका मुआवजा दे रही है और न ही भूमिहीन और तेंदूपत्ता संग्रहनकर्ताओं को उनका पुनर्वास राशि दिया जा रहा है और साथ ही साथ रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि के संबंध में भी सरकार को एनटीपीसी के अधिकारियों द्वारा गुमराह किया जा रहा है। लारा संघर्ष समिति के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि विगत दिनों एनटीपीसी के उच्च अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मेडिकल कॉलेज रायगढ़ के निर्माण के लिए 25 करोड़ की राशि दिए जाने की बात कह कर गुमराह करने की कोशिश की गई जबकि एनटीपीसी द्वारा लारा परियोजना हेतु भूमि अर्जन की प्रगति के आधार पर रायगढ़ में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज को 100 करोड़ का अनुदान दिए जाने की बात भूमि अधिग्रहण से पहले कही गई थी।
आज जब एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी हो चुकी है, प्रथम फेस का काम पूरा होकर विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका है इस स्थिति में रायगढ़ मेडिकल कॉलेज को पूरा 100 करोड़ मिल जाना चाहिए था वहाँ मात्र 25 करोड़ की राशि देकर एनटीपीसी के अधिकारी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं। यही स्थिति रोजगार के संबंध में भी है। प्रबंधन द्वारा 79 पदों पर भर्ती हेतु जो बात कही गई है उसमें भी संशय की स्थिति है उक्त भर्ती विज्ञापन के संबंध में लारा संघर्ष द्वारा बताया गया कि एनटीपीसी द्वारा राज्य निवेश प्रोतसाहन बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत हलफनामे के अनुसार अकुशल, सुपरवाइजरी एवम अन्य के लगभग 1600 पदों पर भर्ती की जानी है परंतु प्रबंधन अब इससे मुकर रहा है। उक्त भर्ती प्रक्रिया जमीन अधिग्रहण के कई वर्ष पश्चात होने के कारण बहुत से युवा उम्र की समय सीमा पर कर जाने के कारण आवेदन करने से चूक रहे हैं और अभी भी भू-विस्थापितों के पात्रता के संबंध में संशय बना हुआ है। इससे स्पष्ट होता है कि एनटीपीसी की मंशा भू-विस्थापितों को रोजगार देने की नही है। इस संबंध में लारा-संघर्ष समिति जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर जांच कराने एवम दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग करेगा।