राजनांदगांव | राजनांदगांव के चार और रायपुर के एक व्यापारी ने छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीयकृत बैंको के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा फरमान जारी करवा दिया है | इन व्यापारियों की याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने साफतौर पर कहा है कि कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक सिक्को को स्वीकार करने से इंकार नहीं कर सकता | हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI को इस संबध में निर्देशित किया है कि वो अपने नियमो में बदलाव कर ग्राहकों को सुविधा प्रदान करे | दरअसल RBI के निर्देश के अनुसार एक अकाउंट होल्डर से बैंक सौ सिक्को से अधिक संख्या में सिक्के जमा नहीं करता | जबकि उसी अकाउंट में पैसा जमा करने की कोई सीमा तय नहीं है | यही नहीं RBI यह भी कहता है कि सिक्के स्वीकार नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी | ऐसे में RBI अपने ही दोहरे मापदंड को लेकर सवालों के घेरे में है |
राजनांदगांव के जितेंद्र जैन ,विकास सोनी और कचरू शर्मा के आलावा रायपुर के श्रेणिक पारख और हरीश शोभवानी ने बिलासपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि व्यापार के चलते उनके पास लाखो के सिक्के जमा हो गए है | इन सिक्को को जमा करने के लिए जब वे बैंक गए तो बैंक प्रबंधन ने इतने अधिक सिक्के स्वीकार करने से इंकार कर दिया | याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायपुर और राजनांदगांव के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और एक्सिस बैंक की दलीले सुनी | अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय को अपने नियमो में बदलाव करने का निर्देश दिया | हाईकोर्ट ने साफतौर पर आदेश दिया है कि कोई भी ग्राहक अपने खाते में मनचाहे सिक्के अथवा याचिका के आधार पर सौ से अधिक सिक्के जमा कर सकता है |
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सिर्फ बैंको ही नहीं बल्कि कई सरकारी कार्यालयों में नागरिको ने बोरो और थैलो में सिक्का लेकर रकम अदायगी का प्रयास किया था | लेकिन अधिकारियों ने अपने तर्को के आधार पर सिक्के लेने से इंकार भी कर दिया था | हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि कोई भी बैंक अथवा सरकारी और गैर सरकारी संस्थाए सिक्का लेने में आनाकानी नहीं करेंगे |