कड़ाके की ठंड में पुलिसिया कहर,मजदूरों ने कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे गुजारी रात ,कहा-साहब थाने में सोने दो,पूलिस ने कहा-आगे धर्मशाला है 

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प्रेम प्रकाश शर्मा 

जशपुर | अपने घर से राजमिस्त्री और मजदूरी का काम करने उड़ीसा जा रहे तीन युवकों को कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर होना पड़ा । दरअसल ये तीनो युवक जशपुर जिले के गोरिया गाँव के रहने वाले हैं । बुधवार की शाम करीब साढ़े 7 बजे राजमिस्त्री और मजदूरी का काम करने तीनो युवक तपकरा लावाकेरा के रास्ते उड़ीसा के सबडेगा जा रहे थे तभी समदमा के पास इनकी मुलाकात तपकरा थाने की पूलिस से हो गयी । नियम के मुताबिक पूलिस ने इनकी गाड़ी रोकी और इनसे गाड़ी का कागजात मांगा लेकिन उन्होंने यह कहते हुए गाड़ी के कागजात देने में असमर्थता जताई कि गाड़ी सोल्ड है 16 दिन पहले ही खरीदी की गई है ।

कागजात नही मिलने से असंतुष्ट पूलिसवालों ने इनकी गाड़ी जप्त कर ली और इन्हें समदमा में ही छोड़ दिया । तीनो समदमा से चलते चलते रात करीब 9 बजे तपकरा थाना पहुंचे और और थाना में ही रात गुजारने का निवेदन करने लगे । इनका कहना था कि यहाँ न तो ये किसी को जानते है न इन्हें कोई जानता है ऐसे में कड़ाके की ठंड में रात कहाँ गुजारेंगे , लेकिन पूलिस ने इन्हें सोने के लिए तपकरा धर्मशाला का पता बता दिया और वे थाना से बस स्टैंड आ गए । यहाँ इन्होंने खुले आसमान के नीचे रात गुजारी जब सुबह हुई और बस स्टैंड में लोगो के आने जाने का सिलसिला शुरू हुआ तब उन्होंने स्थानीय लोगो को पूरी रात का किस्सा बताया ।

आपको बता दें कि जिले में बाईक चोर गिरोह इन दिनों काफी सक्रिय है और इलाके से लगातार हो रही बाईक चोरियों ने पूलिस के नाक में दम कर रखा है | ऐसे में पूलिस लगातार बाइक चोरों की तलाश में लगी हुई है |  लेकिन इन सबके बावजूद सबसे बड़ी बात यह भी है कि पूलिस के इस अभियान में गोरिया निवासी तिलेश्वर,शिवकुमार,और रविन्द्र जैसे बेकसूर भी चपेट में आ जा रहे हैं और बगैर जुर्म की सजा भुगतनी पड़ रही है । यह बताना जरूरी है कि समदमा से तपकरा के बीच का रास्ता जंगली हाथियों के प्रभाव वाला रास्ता है । राहत की बात ये है कि तीनों रात के अंधेरे में हाथियों के चपेट में नही आये ।