छत्तीसगढ़ में 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी का मामला गहराते जा रहा है | राज्य में धान की सालाना होने वाली खरीदी 15 नवम्बर से शुरू होनी है | लेकिन किसानो को बोनस के साथ धान का समर्थन मूल्य देने के लिए रकम का बंदोबस्त अब तक नहीं हो पाया है | हालांकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि धान की खरीदी कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुरूप ही होगी | लिहाजा किसानो से उनकी फसल खरीदने के लिए सरकारी कवायत तेज हो गयी है | हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी को घेरने की रणनीति को अमलीजामा पहना भी शुरू कर दिया है |
धान खरीदी के मुद्दे पर उन्होंने राज्य के सांसदों के साथ एक महतवपूर्ण बैठक की | लेकिन इस बैठक में सिर्फ कांग्रेस के ही सांसद शामिल हुए | बीजेपी सांसदों का इस बैठक से बहिष्कार किये जाने से मामला फंस गया है | इस बीच कांग्रेस के घोषणा पत्र के मुताबिक 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने के लिए रकम जुटाना राज्य सरकार के लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है | हालांकि समय पर किसानो से धान की खरीदी और उसके भुगतान के लिए रकम जुटाने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर कवायत भी शुरू कर दी है | सूत्र बता रहे है कि जल्द ही राज्य सरकार अपने वादे को निभाने के लिए बैंको से ऋण लेगी | उधर धान खरीदी को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गयी है | धान खरीदी के मामले को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आयोजित बैठक में बीजेपी के भी सांसदों को बुलाया गया था लेकिन भाजपा सांसदों ने आमंत्रण नहीं मिलने की बात कहते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था | बीजेपी सांसदों के बहिष्कार के कदम के बाद मामला और गरमा गया है | इस मामले में बीजेपी को घेरते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से सांसदों को भेजी गई सूचना पत्र को जारी किया गया है | कांग्रेस सरकार ने दावा किया है कि इस बैठक के लिए जारी सूचना को बीजेपी सांसदों के कार्यालय से प्राप्ति स्वीकृति मिली है |
जांजगीर-चांपा से बीजेपी सांसद गुहाराम अजगले के कार्यालय में इस आमंत्रण पत्र की प्राप्ति स्वीकृति 4 नवंबर 2019 दर्शाई गयी है | बिलासपुर के भाजपा सांसद अरुण साव के कार्यालय से भी इसी तिथि पर पत्र प्राप्ति की स्वीकृत प्राप्त हुई है | इसके अलावा रायपुर से बीजेपी सांसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय, दुर्ग सांसद विजय बघेल और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा के निज सहायकों के नाम भेजे गए सूचना पत्र की प्राप्ति स्वीकृति भी दर्शाई गयी है | इस बैठक में प्रदेश के 16 में से मात्र कांग्रेस के 3 सांसद ही उपस्थित हो पाए | इसमें कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत, बस्तर सांसद दीपक बैज और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा शामिल हुई | सरगुजा से भाजपा सांसद और केन्द्रीय जन जातीय मामलो की राज्य मंत्री रेणुका सिंह के निज सचिव सुरेन्द्र कुमार मीणा ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने की वजह से रेणुका सिंह इस बैठक में उपस्थित नहीं हो पाएंगी | यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी से राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम के कार्यालय ने सूचना प्राप्त होने के बाद बाकायदा पत्र जारी कर कांग्रेस सरकार को बैठक में शामिल नहीं हो पाने की सूचना दी है | उन्होंने बैठक में उपस्थित नहीं हो पाने का कारण झारखंड की राजधानी रांची का प्रवास बताया है |
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुरूप धान खरीदी करने का मामला गरमाया हुआ है | इस मामले में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को साफ़ कर दिया है कि यदि बोनस के साथ 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी की गई तो वे सेन्ट्रल पूल के प्रावधान के तहत धान की खरीदी नहीं करेंगे | केंद्र के इस रुख से राज्य की कांग्रेस सरकार पशोपेश में है | हालात से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोरआजमाइश शुरू कर दी है | इसके तहत राज्य के तमाम सांसदों के अलावा किसान संघों और अन्य राजनीतिक दलों के साथ अलग-अलग बैठक तय की है |