
रायपुर | धान खरीदी की केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ कांग्रेस ने आक्रामक रूख अपनाया है । कांग्रेसी नेता 13 नवंबर को दिल्ली कूच करेंगे और वहां 15 नवंबर को बड़ा प्रदर्शन होगा । इसमें किसान भी शामिल होंगे । केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने रविवार को राजीव भवन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बैठक आयोजित हुई । बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला । उन्होंने छत्तीसगढ़ का धान खरीदने से इनकार करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताया । एमओयू हुआ था, उसमें दिए गए नियमों को दो साल तक शिथिल किया गया था । जिसके तहत किसानों को धान का बोनस दिया जा सकता है । अब इसमें छूट देने केंद्र तैयार नहीं हैं । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में आगामी 5 नवम्बर को मंत्रालय में तीन महत्वपूर्ण बैैठक लेंगे । पहली बैठक में राज्य के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को आमंत्रित किया गया है । वही दूसरी बैठक सर्वदलीय होगी जिसमें सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी शामिल होंगे । मुख्यमंत्री तीसरी बैठक में प्रदेश के सभी किसान संघों के साथ इस विषय पर चर्चा करेंगे ।
दरअसल मुख्यमंत्री धान खरीदी को लेकर राज्य के सभी पार्टियों का समर्थन चाहते हैं । वो इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस में इस बात का अनुरोध भी बीजेपी नेताओं से कर चुके हैं कि वो भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखें और 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की इजाजत देने की मांग करें । हालांकि इस पूरे प्रकरण में भाजपा ने पहले ही दो टूक कह दिया है कि कांग्रेस ने चुनाव के वक्त अपने बूते पर 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी की बात कही थी । ऐसे में अब पूरा पाला केंद्र के सर पर डालना और केंद्र पर आरोप लगाना उचित नहीं होगा । मुख्यमंत्री के बुलाये गये सर्वदलीय बैठक पर अब सभी की नजर होगी । हालांकि भाजपा की तरफ से कोई स्पष्ट बयान तो नहीं आया है, लेकिन संकेत में जिस तरह की धान खरीदी पर आरोप-प्रत्यारोप दोनों तरफ से हुई है |
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि वही कांग्रेसी नेताओं के दिल्ली में प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिस समय कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र जारी किया.कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता गंगाजल हाथ में लेकर यह दावा किए कि हम जो घोषणा कर रहे हैं केंद्र सरकार के भरोसे नहीं कर रहे हैं हम अपने भरोसे दावे कर रहे हैं | अपने वादे में उनको निकलकर सामने आना चाहिए और वादों को निभाना चाहिए | उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से धान खरीदी होती थी दीपावली से से ही धान कटाई शुरू हो जाती है | 1 दिसंबर सरकार ने तारीख निर्धारित की है. किसान दोहरी मार से पीड़ित है अब उनके सामने केवल एक ही रास्ता है कि वह फसल की कटाई करें और बिचौलियों के हाथ में बेचे | इस सरकार में चाहे रेत माफिया हो जमीन माफिया हो अब धान के माफिया भी हैं | यह पनपते जा रहे हैं यदि इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो किसानों को इसका नुकसान होगा |