
गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। जिला प्रशासन द्वारा रेत घाटों का आबंटन कर देने के बावजूद भी रेत की कालाबाजारी का सिलसिला बेरोकटोक जारी है । बरसात के मौसम में रॉयल्टी बंद होने पश्चात जहां सत्ता के संरक्षण में रेत माफियाओं द्वारा अपने हुक्मरानों को मुफ्त रेत उपलब्ध कराने के बाद, आठ सौ प्रति ट्रेक्टर की रेत को तीन हजार प्रति ट्रेक्टर बेच कर कोरबा वासियों का खुला शोषण किया गया | वहीं अब घाट आबंटन के बाद भी कोरबा वासियों को उचित मूल्य से कहीं ज़्यादा महंगे दाम पर रेत लेने को मजबूर होना पड़ रहा है । घाट आबंटन के पश्चात कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे कोरबा वासियों को क्या पता था कि जिले की प्राकृतिक संपदा सफेदपोश डकैतों के हाथ लग जायेगी ।
वर्तमान में कोरबा नगर क्षेत्र में दो रेत घाट, गेरवाघट व मोतीसागर घाट सीतामणी संचालित है । दोनों ही घाट पिछले माह छत्तीसगढ़ शासन के आदेश पर संचालन हेतु निजी ठेकेदारों को आबंटित किये गए है । शासन द्वारा प्रति ट्रेक्टर लोडिंग शुल्क 258, 150 रॉयल्टी तथा 53 रुपए टैक्स मिलाकर लगभग 455 रुपए रेत का मूल्य निर्धारित किया गया है परंतु दोनों ही घाटों में ठेकेदारों द्वारा रेत विक्रेताओं से प्रति ट्रैक्टर 600 की अवैध वसूली की जा रही है । इतना ही नही ठेकेदारों द्वारा शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रॉयल्टी पर्चियों में खनिज का मूल्य भी लिख कर नही दिया जा रहा है ।
रेत विक्रेताओं द्वारा विरोध करने व शिकायत करने की चेतावनी देने के बाद भी ठेकेदारों की कान में जुं नही रेंग रही है। ठेकेदारों को 600 देने के बाद अपना खर्च जोड़कर विक्रेताओं द्वारा प्रति ट्रैक्टर रेत 1200 में बेची जा रही है जो की 800 में मिलनी चाहिए थी | जिसके फलस्वरूप कोरबा वासियों की जेब पर 400 प्रति ट्रैक्टर का अधिक आर्थिक बोझ पड़ रहा है । शासकीय अवकाश होने के कारण मामले में राजस्व विभाग का पक्ष सोमवार को सामने आने की उम्मीद है वही अवैध वसूली की शिकायत भी विक्रेताओं द्वारा कलेक्टर से करने की बात कही जा रही है । आपको बता दें कि नगर में संचालित दो रेत घाटों में से एक नगर के जाने माने सराफा व्यवसायी व आगामी निगम चुनाव में खुद को महापौर प्रत्याशी बताने वाले व्यक्ति द्वारा संचालित की जा रही है ।
ठेकेदारों का विक्रेताओं को ऑफर
रेत ठेकेदारों द्वारा ट्रैक्टर मालिको को दिन में 1 ट्रैक्टर रेत पर्ची कटाकर ले जाने के बाद 4 ट्रेक्टर बिना पर्ची कटाए 300 में देने का ऑफर दिया गया है । इस प्रकार बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत बेचकर शासन को दिन में लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये की चपत लगाने का षडयंत्र रचा जा रहा है ।